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ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, आईएस कैडर में प्रस्तावित बदलाव के फैसले पर जताया विरोध

Nilmani Pal
20 Jan 2022 10:25 AM GMT
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, आईएस कैडर में प्रस्तावित बदलाव के फैसले पर जताया विरोध
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दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर आईएस कैडर (अब IAS कैडर रूल ) में प्रस्तावित बदलाव के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है. ममता बनर्जी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को दो पन्नों का पत्र लिखा है. ममता बनर्जी ने लिखा है, केंद्र सरकार द्वारा आईएएस कैडर रूल्स में बदलाव को लेकर जो रुख अपनाया है, उस पर मैं कड़ी आपत्ति दर्ज कराती हूं. यह नियम एकतरफा तौर पर अनिवार्य रूप से राज्यों को निश्चित संख्या में आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए उपलब्ध कराना होगा. आईएएस कैडर के नियमों में बदलाव के प्रस्ताव के साथ केंद्र ने राज्यों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए अधिकारियों की सूची भेजने को कहा है.

ममता बनर्जी ने इसके पहले 13 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी. बता दें कि केंद्र सरकार ने आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन करने जा रही है. संशोधन के प्रस्ताव को लेकर हाल ही में राज्य सरकारों से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए आईएएस अफसरों की सूची भेजने को कहा गया है. जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है.बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार यह संशोधन 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के आगामी सत्र में पेश करने पर विचार कर रही है. केंद्र ने इसके लिए 25 जनवरी से पहले राज्यों से जवाब मांगा है.

ममता बनर्जी ने कहा है कि आईएएस कैडर नियमों में बदलाव अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए राज्यों को बाध्य करेगा. इससे राज्यों में प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित होगी. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र का आईएएस कैडर नियम, 1954 में प्रस्तावित संशोधन सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ है और केंद्र और राज्यों के बीच लंबे समय से बने सामंजस्यपूर्ण समझौते को बिगाड़ देगी. बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएएस और आईपीएल अफसरों की पोस्टिंग को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मौजूदा व्यवस्था बेहद सामंजस्य औऱ समन्वय वाली है. यह संघवाद की भावना के अनुकूल है, जिसमें बदलाव कतई सही नहीं है. उन्होंने कहा कि नए नियमों के बाद राज्यों को अपने यहां प्रशासनिक व्यवस्था की योजना बनाना और उस पर अमल करना मुश्किल हो जाएगा.


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