![संयुक्त बैठक से दूर रहीं ममता और तृणमूल कांग्रेस संयुक्त बैठक से दूर रहीं ममता और तृणमूल कांग्रेस](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/11/27/1410158-1.webp)
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान के बाद, भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता की कोशिशों को झटका लगता दिख रहा है. हाल में ममता बनर्जी नीत पार्टी द्वारा कांग्रेस नेताओं को अपने दल में शामिल किए जाने के बाद दोनों दलों में दरार बढ़ गई है और कांग्रेस खुद को मुश्किल स्थिति में पा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा 20 अगस्त को बुलाई गई बैठक में सौहार्द्र दिखाने के बावजूद तृणमूल कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी को भाजपा से लोहा लेने में कथित तौर पर असफल बताने का मौका नहीं छोड़ रही है. इसके साथ ही तृणमूल पूरे देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है. तृणमूल सूत्रों के मुताबिक पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी अपने करियर के सबसे कठिन चुनावों में से एक को जीतने के बाद विपक्ष के सबसे सशक्त चेहरे के रूप में उभरी हैं. इसके साथ ही वह राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका चाहती हैं, संभवत: विपक्षी गठबंधन के नेता के रूप में खुद को स्थापित करना चाहती हैं जो वर्ष 2014 के भाजपा के सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस के पास है.