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भारत से रिश्ते बिगाड़कर मालदीव के नए राष्ट्रपति चीन जा रहे

5 Jan 2024 4:38 AM GMT
भारत से रिश्ते बिगाड़कर मालदीव के नए राष्ट्रपति चीन जा रहे
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बीजिंग: मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत को चिढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब वह 8 से 12 जनवरी तक चीन की यात्रा करने वाले हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बीजिंग में यह घोषणा की। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के मुइज्जू करीबी माने जाते हैं। उन्होंने पिछले साल …

बीजिंग: मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत को चिढ़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। अब वह 8 से 12 जनवरी तक चीन की यात्रा करने वाले हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बीजिंग में यह घोषणा की। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के मुइज्जू करीबी माने जाते हैं। उन्होंने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारत के करीबी मित्र इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हरा दिया था। इसके बाद मुइज्जू ने मालदीव के 8वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

पूर्व राष्ट्रपति यामीन के 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान चीन के साथ घनिष्ठ संबंध थे, इसलिए मुइज्जू को चीन का मित्र बताया जा रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मुइज्जू चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग के निमंत्रण पर बीजिंग की यात्रा कर रहे हैं। मुइज्जू के पूर्ववर्ती भारत के साथ व्यापक द्विपक्षीय संबंधों और मालदीव से निकटता को देखते हुए पहले भारत का दौरा किया करते थे, जिसके बाद चीन का नंबर आता था। मगर, हाल के दिनों में चीन ने मालदीव में कुछ प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश कर द्वीपीय राष्ट्र में अपना प्रभाव बढ़ाया है।

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बदले रुख से चीन काफी गदगद नजर आ रहा है। मुइज्जू ने भारत से हिंद महासागर द्वीपसमूह से अपनी सेना हटाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर भारत ने आर्मी नहीं हटाई तो उसके देश में लोकतंत्र खतरे में पड़ जाएगा। मुइज्जू ने कहा कि मालदीव में अगर भारतीय सेना बरकरार रहती है तो इसका मतलब मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा की अवहेलना करना होगा। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'भारत की ओर से हिंद महासागर द्वीपसमूह से अपनी सेना नहीं हटाने का मतलब मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा की अवहेलना है। इससे हमारे देश में लोकतंत्र का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।'

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