भारत
मेक इन इंडिया बना आकर्षण का नए केंद्र, पूरी परियोजना पर एक करोड़ रुपए खर्च
Apurva Srivastav
28 Feb 2021 5:36 PM GMT
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को जिस 'मेक इन इंडिया' शेर की मूर्ति का उद्घाटन किया था वह अब शहर में आकर्षण के नए केंद्र के तौर पर उभर रही है. आने-जाने वाले लोग रुककर न सिर्फ इस 'शेर' को देख रहे हैं बल्कि उसके साथ तस्वीरें भी लेते नजर आए. शहर के नगर निकाय बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने विंडसर स्क्वायर पर दहाड़ते हुए इस शेर की प्रतिमा स्थापित की है. यह जगह मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के करीब है.
फाइबर युक्त प्लास्टिक से बनी शेर की इस मूर्ति का वजन 1000 किलो से ज्यादा है और यह 23 फीट लंबी, 4.5 फीट चौड़ी तथा 10 फीट ऊंची है. अधिकारियों ने बताया कि इसे ऐसे मंच पर स्थापित किया गया है जो परिक्रमा करता है. एक परिक्रमा पूरी करने में इसे करीब आठ मिनट का समय लगता है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बनी शेर की इस प्रतिमा को विंडसर स्क्वायर पर स्थापित करने की पूरी परियोजना पर करीब एक करोड़ रुपए की लागत आई.
निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना और अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रूप में बदला जा सके. 'मेक इन इंडिया' मुख्यत: निर्माण क्षेत्र पर केंद्रित है, लेकिन इसका उद्देश्य देश में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना भी है. इसका दृष्टिकोण निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नए क्षेत्रों को खोलना और सरकार एवं उद्योग के बीच एक साझेदारी का निर्माण करना है.
'मेक इन इंडिया' पहल के संबंध में देश एवं विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है. अभियान के शुरू होने के समय से इसकी वेबसाइट पर बारह हजार से अधिक सवाल इनवेस्ट इंडिया के निवेशक सुविधा प्रकोष्ठ की ओर से मिले. जापान, चीन, फ्रांस और दक्षिण कोरिया जैसे देशों नें विभिन्न औद्योगिक और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत में निवेश करने के लिए अपना समर्थन दिखाया है.
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