भारत
कब्र से बाहर निकाले गए मृतक नवजात के मामले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई
Shantanu Roy
4 April 2023 6:53 PM GMT

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अमृतसर। 9 दिन के बाद कब्र से बाहर निकाले गए मृतक नवजात के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। रतन सिंह चौक में स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर भारी खामियां पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां पुलिस प्रशासन को संबंधित क्लीनिक चलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं, वहीं क्लीनिक बंद करने के लिए भी पुलिस को कहा गया है संबंधित क्लीनिक पर मौके पर कोई भी स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं पाया गया व क्लीनिक पर महिलाओं के सर्जन किए जा रहे थे। जानकारी के अनुसार पीटर मसीह निवासी फतेहगढ़ चूड़ियां रोड ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी की डिलीवरी 8 मार्च को संबंधित क्लीनिक में की गई थी। यहां कार्यरत स्टाफ ने डिलीवरी की प्रक्रिया में लापरवाही बरती। उसकी पत्नी का सिजैरियन किया गया। इस दौरान गर्भ में पल रहे शिशु के सिर पर औजार से कट लग गए, जो उसकी मौत की वजह बना। उन्होंने नवजात के शव को तब तो दफना दिया, पर इसकी शिकायत पुलिस व पंजाब अल्पसंख्यक आयोग को की थी। पुलिस ने बच्चे का शव कब्र से निकलवाकर पोस्टमार्ट के लिए भेजा था। हालांकि अभी तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। आयोग द्वारा इस मामले की जांच के लिए मैंबर डा. सुभाष को तैनात किया गया व डा. सुभाष द्वारा मामले की कार्रवाई के लिए अमृतसर के सिविल सर्जन को दिशा निर्देश पारित किए गए।
सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह द्वारा सहायक सिविल सर्जन के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन करते हुए जांच के लिए टीम को क्लीनिक पर भेजा। सिविल सर्जन डा. चरणजीत सिंह ने जांच के संबंध में बताया कि क्लीनिक में भारी अनियमितताएं पाई गई हैं। जांच के दौरान यह सामने आया है कि क्लीनिक में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं है। यहां एक जी.एन.एम. कार्यरत है। क्लीनिक में गर्भवती महिलाओं के सिजैरियन भी किए जा रहे थे। क्लीनिक के बाहर डाक्टर का नाम डा. जो लिखा है, पर वह डाक्टर नहीं है। बोर्ड पर डाक्टर की डिग्री का विवरण भी दर्ज नहीं है। सिविल सर्जन ने बताया कि क्लीनिक में इंडियन मैडिकल एसोसिएशन के एक्ट 1956 की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा था। जिस डाक्टर का नाम क्लीनिक के बाहर लिखा है, वह वहां उपलब्ध नहीं रहता। उसकी पत्नी जी.एन.एम. है। इसके अलावा काफी कमियां पाई गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक को बंद करने के निर्देश दिया है। विभाग ने इसके लिए पुलिस विभाग को लिखा है। क्लीनिक को बंद करवाने के साथ ही पुलिस विभाग को लिखा गया है कि वह संबंधित आरोपी के खिलाफ केस दर्ज करें। नवजात शिशु की मौत के बाद परिजनों ने क्लीनिक के डाक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। पंजाब अल्पसंख्यक आयोग ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। उधर, अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से मामले की जांच के लिए नियुक्त किए गए आयोग के सदस्य डा. सुभाष थोबा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। पीटर मसीह के घर पांच वर्ष बाद बच्चे की किलकारियां गूंजनी थीं, पर डाक्टरों की लापरवाही से एक मां की कोख सूनी हो गई। संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए वह पुलिस कमिश्नर से बात करेंगे।
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Shantanu Roy
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