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चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने आज आबकारी विभाग में 200 करोड़ रुपए के घोटाले को उजागर किया और दिल्ली आबकारी घोटाले की तर्ज पर सभी दोषियों की गिरफ्तारी और धोखाधड़ी की सी.बी.आई. जांच की मांग की। अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया ने आज यहां एक प्रैस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए धोखाधड़ी का खुलासा करते हुए सी.एम. मान और वित्तमंत्री हरपाल चीमा पर आबकारी में 41 फीसदी की बढ़ौतरी का दावा कर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए बताया कि यह बढ़ौतरी केवल 10.26 फीसदी थी। इस बारे में अन्य जानकारी देते हुए मजीठिया ने 200 करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफाश करने के लिए मंत्रियों के एक ग्रुप की रिपोर्ट सहित कैबिनेट द्वारा अनुमोदित दस्तावेजों को जारी किया। उन्होंने एक्साईज कमिश्नर का एक दस्तावेज जारी किया, जिसने वर्तमान आबकारी नीति में अंतराल/कमियों का विश्लेषण करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था। मजीठिया ने बताया कि नोट में यह भी कहा गया कि एल-1 के माध्यम से निर्माता से खुदरा विक्रेता को छूट का लाभ खुदरा विक्रेता को नहीं दिया गया और यह एल-1 धारक खुदरा विक्रेताओं पर अपनी शर्तें थोपने के लिए अपनी एकाधिकार स्थिति का दुरूपयोग कर रहे हैं।
अकाली नेता ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के साथ-साथ मंत्रियों के एक ग्रुप ने इसे छिपाने के लिए यह कवायद की थी। उन्होंने कहा कि पिछले साल एल-1 धारकों से 28 करोड़ रुपए इकटठे करने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने अनुमानित जमा राशि में 150 करोड़ रुपए की वृद्धि की है। यह दिल्ली में उस घटना के बाद हुआ जिसके कारण उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया, जो पंजाब आबकारी नीति के भी निर्माता हैं। मजीठिया ने कहा कि यह सब मामलों और गिरफ्तारियों से बचने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार और उसके अधिकारी पिछले साल सरकारी खजाने की लूट की जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उन्होंने कहा कि लूट कम से कम करीब 200 करोड़ रुपए की है और इसकी गहन जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कैसे पंजाब के दो मुख्य ठेकेदार -अमन ढल्ल और तुषार चोपड़ा दिल्ली में आबकारी चोरी के मामले में पहले से ही जांच के घेरे में हैं तथा जेल में बंद हैं। अकाली नेता ने वित्तमंत्री के राजस्व में 41 फीसदी वृद्धि के झूठ को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मौजूदा उत्पाद शुल्क राजस्व के आंकड़ों को पिछले साल से 926 करोड़ रुपए आगे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य द्वारा एकत्रित वैट को भी इसमें जोड़ दिया गया। मजीठिया ने कहा कि वास्तविक आबकारी राजस्व केवल 7916 करोड़ रुपए था जो पिछले साल की तुलना में केवल 10.26 फीसदी अधिक था। मजीठिया ने मीडिया, कलाकारों और बुद्धिजीवियों की आवाज को दबाने के प्रयासों की भी कड़ी निंदा की। उन्होने कहा, ‘‘ यह सब इसीलिए किया जा रहा है, क्योंकि कट्टर बेईमान पार्टी सभी मोर्चों पर अपनी विफलताओं को छिपाना चाहती है’’।
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Shantanu Roy
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