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मैनपुरी उपचुनाव: अखिलेश ने शिवपाल को बनाया स्टार प्रचारक
jantaserishta.com
16 Nov 2022 9:11 AM GMT
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लखनऊ (आईएएनएस)| मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में सपा के लिए शिवपाल यादव बहुत महत्वपूर्ण बन गए हैं। जिस शिवपाल को सपा मुखिया अखिलेश यादव 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद अपनी पार्टी का मानने को तैयार नहीं थे। आज अचानक पार्टी के स्टार प्रचारक की फेहरिस्त में शामिल हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अखिलेश के इस दांव को शिवपाल की नाराजगी को दूर करने की कोशिश माना जा रहा है। शिवपाल की हमेशा शिकायत रही है कि सपा ने उन्हें सम्मान नहीं दिया है।
उपचुनाव में स्टार प्रचारक बना कर शिवपाल को इधर-उधर भटकने न देने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। अब जबकि उनके करीबी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं, तो शिवपाल के लिए धर्मसंकट भी खड़ा हो गया है। अगर वह सपा विधायक और सपा के स्टार प्रचारक रहते हुए सपा के लिए नहीं निकलना चाहेंगे तो उन्हें कोई दूसरा रास्ता तलाशना होगा। अगर वह सपा का प्रचार करते हैं तो भी उनके लिए सपा में आगे की राह आसान नहीं होगी। क्योंकि शिवपाल के करीबी भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में शिवपाल की एक प्रकार से परीक्षा है। हालांकि शिवपाल ने पूरे मामले में अभी चुप्पी साध रखी है।
सपा के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता का खाना है कि परिवार की एकता के लिए शिवपाल को प्रचार की बागडोर दी गई है। अब वो आगे क्या कदम उठाते हैं। यह उन पर निर्भर करेगा।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि शिवपाल ने विधानसभा चुनाव में एक सीट पाने के बाद ही सपा के ऊपर हमले शुरू कर दिए थे। शिवपाल यादव भले ही सपा विधायक हों, लेकिन उन्हें इस साल हुए रामपुर व आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव व गोलागोकर्ण विधानसभा उपचुनाव से उन्हें दूर रखा गया। सपा ने उन्हें इन चुनावों में स्टार प्रचारक की सूची में शामिल नहीं किया है। शिवपाल भी समझ रहे होंगे कि उन्हें किस कारण पार्टी का स्टार प्रचारक बनाया गया है। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में मुलायम के बाद शिवपाल की जमीनी पकड़ है। अखिलेश इस बात को भली भांति जानते है। इसी कारण वो कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहेंगे।
उन्होंने बताया कि मैनपुरी का चुनाव सपा के लिए उतना आसान नहीं माना जा रहा है। शिवपाल को स्टार प्रचारक बनाने से ठीक पहले भाजपा ने सपा से ही दो बार सांसद और एक बार विधायक रहे रघुराज शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाकर अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
ज्ञात हो कि मैनपुरी लोकसभा सीट विभिन्न दलों के जातियों के आकलन के अनुसार 4.25 लाख यादव, 3.25 लाख शाक्य, 2.25 ठाकुर और 1.10 ब्राम्हण, 1.20 लाख दलित और करीब 60 हजार मुस्लिम है।
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