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Mahatma Gandhi Jayanti 2021: आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जयंती, जानें 'विश्व अहिंसा दिवस' और इसके जीवन के बारे में
Deepa Sahu
1 Oct 2021 6:58 PM GMT
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आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जयंती
दिल्लीः जब देश अंग्रेजों की गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तब कई क्रांतिकारियों ने आगे आकर देश को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई और इन लोगों को मर-मिटने का भी डर नहीं था और इन्हीं में से एक थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी। महात्मा गांधी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चले और एक लाठी के दम पर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। गांधी जी ने कई आंदोलन चलाए और अंग्रेजों को ये बता दिया कि वे देश को आजाद कराने से कम किसी चीज पर नहीं मानेंगे। गांधी जी ने देश को आजाद कराने के लिए दिन-रात एक कर दिया। उनकी देश भक्ति देख हर कोई गांधी जी के साथ जुड़ता चला गया और फिर क्या था, आगे-आगे गांधी जी और पीछे-पीछे लोग। हर साल दो अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस मनाया जाता है, लेकिन आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? शायद नहीं, तो चलिए आपको बताते हैं।
ऐसे लिया आजादी की लड़ाई में हिस्सा
बात महात्मा गांधी के जीवन की करें, तो उनका जन्म 2 अकटूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने लंदन से कानून की पढ़ाई की और बैरिस्टर बनकर ही भारत लौटे। जब वे भारत आए, तो उन्हें भारत की उस वक्त की स्थिति ने काफी प्रभावित किया, जिसके बाद वे आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। यहां उन्होंने अंग्रेजों को भारत से भगाकर ही दम लिया।
चलाए ये आंदोलन
-1906 में महात्मा गाधी ने ट्रासवाल एशियाटिक रजिस्ट्रेशन एक्ट के खिलाफ पहला सत्याग्रह चलाया।
-गांधी जी ने नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को नमक सत्याग्रह चलाया, जिसमें वे अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च निकाला।
-इसके अलावा गांधी जी ने दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई आंदोलन भी चलाएं।
विश्व अहिंसा दिवस मनाने के पीछे ये है वजह
दरअसल, महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था और इस दिन को ही विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि महात्मा गांधी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है और साथ ही वैश्विक तौर पर इस दिन गांधी जी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्मदिन होता है। हम बचपन से महात्मा गांधी के बारे में पढ़ते आ रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि उन्हें अहिंसा का पुजारी कहा जाता है। वहीं, स्वदेशी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सत्याग्रह सहित महात्मा गांधी ने देश हित में कई आंदोलन चलाए। आप अगर महात्मा गांधी के बारे में किताबों से अलग जानना चाहते हैं, तो दिल्ली की कुछ खास जगहों पर घूम सकते हैं, जहां आपको गांधी जी के जीवन से जुड़े कई और पहलू जानने को मिलेंगे।
राजघाट
राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि है। आप समाधि देखने के अलावा पार्क में लगे फूलों-पौधों को भी देख सकते हैं। यहां बहुत शांति रहती है।
नेशनल गांधी म्यूजियम एंड लाइब्रेरी
जवाहरलाल मार्ग पर स्थित इस जगह पर आपको गांधी से जुड़ी हुईं चीजें, फोटोग्रॉफ, पुराने अखबार, किताबें आदि देखने को मिल जाएंगे।
कस्तूरबा कुटीर
कस्तूरबा गांधी महान समाजसेविका भी थीं। महात्मा गांधी की पत्नी के रूप में कस्तूरबा गांधी ने उनका हर कदम पर साथ दिया। आप कस्तूरबा गांधी को बा भी कहा जाता है। आप यहां बापू और बा के जीवन से जुड़ी कई बातें किंग्सवे कैम्प स्थित कस्तूरबा कुटीर में देख सकते हैं।
बिरला भवन
30 जनवरी मार्ग पर स्थित गांधी स्मृति को पहले बिरला भवन नाम से जाना जाता था। यह म्यूजियम भी महात्मा गांधी को समर्पित है।
यहां महात्मा गांधी ने अपने जीवन के अंतिम 144 दिन गुजारे थे।
बापू आश्रम
गोल मार्केट की हरिजन बस्ती में जाकर आप बापू आश्रम घूम सकते हैं। यहां पर महात्मा गांधी के अलावा कई अन्य क्रांतिकारियों और महान लोगों की तस्वीरें और किताबें भी मौजूद है।
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