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महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार, मनसे के विधायक का आया ये बयान

jantaserishta.com
8 Aug 2022 10:40 AM GMT
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार, मनसे के विधायक का आया ये बयान
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

मुंबई: महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे को विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान राज ठाकरे की पार्टी मनसे के एकमात्र विधायक का भी समर्थन मिला था। लेकिन अब एकनाथ शिंदे का हनीमून पीरियड खत्म होता दिख रहा है। मनसे के विधायक प्रमोद पाटिल उर्फ राजू पाटिल ने नागरिकों की समस्याओं को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि राज्य की नई सरकार में कैबिनेट विस्तार न होने के चलते सारी व्यवस्थाएं ठप हैं और विकास कार्य नहीं हो पा रहे। उन्होंने साफ कहा कि एकनाथ शिंदे गुट ने बगावत के बाद सत्ता जरूर हासिल कर ली और उनके अच्छे दिन भी आ गए हैं। लेकिन आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने 30 जून को शपथ ली थी, लेकिन अब तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है। प्रमोद पाटिल ने ट्वीट कर एकनाथ शिंदे पर तंज कसते हुए लिखा, 'विद्रोह हुआ, अब अच्छा है? नगर पालिका में पार्षद नहीं, जिले का संरक्षक मंत्री नहीं, राज्य का कोई मंत्री नहीं, मंत्रालय फिर से सचिवालय हो गया। सब कुछ ठप है। तुम ठीक हो, लेकिन लोगों के त्योहार आ गए हैं। सड़क पर गड्ढे, ट्रैफिक जाम, बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। इसे कौन देखेगा?' उन्होंने कहा कि सड़कों पर जाम लग रहे हैं और गड्ढों के चलते लोगों को परेशानी हो रही है। बरसात के मौसम के कारण बीमारियों के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। इस कारण इन मुद्दों को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए जिम्मेदार मंत्रियों, नगरसेवकों की जरूरत है।
दिलचस्प है कि मनसे के विधायक राजू पाटिल कल्णाण ग्रामीण क्षेत्र के हैं और यह श्रीकांत शिंदे के संसदीय क्षेत्र डोंबिवली-कल्याण के तहत आता है। ऐसे में अकसर दोनों के बीच राजनीतिक संघर्ष बना रहता है। राजू पाटिल कई मौकों पर खुलकर एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत की निंदा कर चुके हैं। इसके बाद भी विश्वास मत के दौरान उन्होंने भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट की सरकार के पक्ष में ही वोट डाला था। तब खबरें थीं कि राजू पाटिल और श्रीकांत शिंदे के बीच सुलह हो गई है। लेकिन राजू पाटिल का यह बयाान बता रहा है कि शायद एकनाथ शिंदे सरकार का हनीमून पीरियड समाप्त हो गया है और विश्वास मत प्रस्ताव में समर्थन देने वाले भी अब उनकी निंदा कर रहे हैं।


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