महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बनाया गया है. उन्होंने गुरुवार को सीएम पद की शपथ ली. अब राज्य में एक नई सरकार का गठन होने जा रहा है जिसकी कमान एकनाथ शिंदे संभालेंगे. कल और 3 जुलाई को स्पीकर और विश्वास मत के चुनाव के लिए महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. पहले स्पीकर का चुनाव होगा.
शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर पार्टी के दीपक केसरकर ने कहा कि सपना पूरा हो रहा है. आज खुशी का दिन है. भाजपा ने जो फैसला लिया है, लेकिन देवेंद्र फडणवीस साहब ने उससे भी बड़ा दिल दिखाया है. अपनी पार्टी के बड़े नेताओं के कहने पर उन्होंने जिम्मेदारी स्वीकार की है. उनके शासनकाल में कई सारे बड़े प्रोजेक्ट शुरू हुए. केसरकर ने कहा कि दिल्ली के साथ उनके संबंध अच्छे हैं ऐसे में शिंदे साहब को भी उनकी भरपूर मदद मिलेगी और कोआर्डिनेशन बहुत अच्छा होगा. भाजपा ने अच्छा फैसला लिया है.
एकनाथ शिंदे का जन्म 4 फरवरी 1964 सातारा में हुआ. बचपन में ही वह ठाणे में रहने गए. किसान परिवार में जन्मे एकनाथ शिंदे का शिक्षण आर्थिक परिस्थिति के चलते छोड़ना पड़ा. वागले स्टेट में एक मछली के कंपनी में बतौर सुपरवाइजर काम किया, लेकिन नौकरी उन्हें रास नही आई इसलिए उन्होंने ऑटो रिक्शा चलाकर जीवन चलाना शुरू किया.
आनंद दिघे को दिया समर्थन
ऑटो रिक्शा चलाते समय शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे और आनंद दिघे ने एकनाथ शिंदे की दुनिया बदल दी. उम्र के 18 वर्ष में ही वे शिवसेना से जुड़ गए. आनंद दिघे का विश्वास शिंदे ने जीता. शिंदे की पक्ष के प्रति जिज्ञासा देख उन्हें 20 वर्ष की उम्र में ही किसन नगर का शाखा अध्यक्ष बना दिया गया.
शाखा अध्यक्ष का पद अच्छे से संभालने के बाद आनंद दिघे ने उन्हें पार्षद के चुनाव का टिकट दिया. पहली बार 1977 मे एकनाथ शिंदे पार्षद चुने गए. उसके बाद 2004 में उन्हें विधायक के चुनाव का टिकट मिला. 2004 से अबतक वह बतौर विधायक चुने जाते रहे. बीच मे शिवसेना पर कई संकट आये, लेकिन एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नही छोड़ी. ऐसा दावा किया गया कि 2019 में भाजपा ने शिवसेना के साथ धोखा किया. इस समय भी दूसरे पक्षों के साथ मिलकर सत्ता बनाई गई, उस समय मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई का नाम चर्चा में रहा. लेकिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद संभाला. इस निर्णय पर एकनाथ शिंदे नाराज होने की चर्चा भी बहुत हुई थी.