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केंद्र सरकार के साथ-साथ अब राज्यों को भी समझ में आने लगा है कि किसानों की इनकम में वृद्धि करना है तो सिर्फ खेती पर निर्भर नहीं रहना होगा. इसके लिए पशुपालन और मछलीपालन को भी बढ़ावा देना होगा. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने झींगा मछली पालन के जरिए युवाओं को रोजगार देने और उनकी आय में वृद्धि का प्लान बनाया है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- केंद्र सरकार के साथ-साथ अब राज्यों को भी समझ में आने लगा है कि किसानों की इनकम में वृद्धि करना है तो सिर्फ खेती पर निर्भर नहीं रहना होगा. इसके लिए पशुपालन और मछलीपालन को भी बढ़ावा देना होगा. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार ने झींगा मछली पालन के जरिए युवाओं को रोजगार देने और उनकी आय में वृद्धि का प्लान बनाया है. प्रदेश के जल-संसाधन और मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभाग की एक समीक्षा बैठक में अधिकारियों को झींगा मछली (lobster) का उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाने का अभियान चलाया जाएगा.
मंत्री ने इससे जुड़ी योजना बनाकर युवाओं को जोड़ने को कहा है, ताकि उन्हें रोजगार मिले. प्रदेश में इस वर्ष 50 टन से अधिक झींगा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सिलावट ने कहा कि मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास विभाग का उद्देश्य अधिक से अधिक मछुआ परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. इसके लिए लगातार नए तरीके खोजने की जरूरत है. अच्छे मछली बीज उत्पादन (Fish seed production) पर विशेष जोर दिया जाए. जिससे गुणवत्ता में सुधार हो.
कितने क्षेत्र में हैं जलाशय
सिलावट ने कहा कि मार्केट की मांग और बाजार मूल्य के आधार पर बीज तैयार हो. मत्स्य महासंघ के जलाशयों में उच्च गुणवत्ता का बीज डाला जाए. मछली के फीडिंग के लिए अवश्य सभी जरूरी व्यवस्थाएं भी की जाएं. समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव अश्विनी कुमार ने बताया कि प्रदेश में 4 लाख 30 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जलाशय हैं, जिनमें मछली उत्पादन का काम किया जा रहा है. इसमें मत्स्य महासंघ के पास 2 लाख 28 हजार हेक्टेयर से अधिक का क्षेत्र है. इसमें उत्पादन बढ़ने की अधिक संभावना है.
मछुआरों को दी जाएगी ट्रेनिंग
अश्विनी कुमार ने बताया कि मछली की गुणवत्ता के लिए अच्छे बीज उत्पादन के प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश में झींगा उत्पादन को बढ़ाने के लिए बेसिन नदी में लगातार प्रयास जारी हैं. इस वर्ष 50 टन से अधिक झींगा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा किया जाएगा. मछुआरों को विशेष प्रशिक्षण के लिए झींगा उत्पादन केंद्रों पर भेजे जाने की कार्य-योजना भी बनाई जा रही है.
मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाने की शुरू होगी मुहिम
सिलावट ने कहा कि मछुआ क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए विशेष मुहिम शुरू की जाए. सभी पात्र लोगों के कार्ड बनवाए जाएं. इस कार्ड से जमीन के हिसाब से 3 लाख रुपए तक की राशि प्राप्त की जा सकेगी. यह कार्ड केंद्र सरकार के किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) के तर्ज पर बना है. यह रकम लेकर लोग मछली पालन (Fisheries) को बढ़ाएंगे.
मंत्री ने कहा कि शासन की योजना का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए. इसके लिए अधिकारी मछुआ कल्याण महासंघ के लोगों से निरंतर चर्चा करें और विभाग की योजना के संबंध में बताएं. केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गए बजट का पूरा उपयोग किया जाए.
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