अंतरिक्ष में पहुंचने की दौड़ में हर देश आगे निकलना चाहता है। चीन हो यूएई हो या फिर अमेरिका समेत अन्य कोई देश, पिछले कुछ अर्से से अंतरिक्ष में जाम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। इस भीड़ को देखते हुए अब अंतरिक्ष में पहला होटल खोलने की तैयारी भी तेज हो गई है। जी हां सुनकर अजीब लगेगा लेकिन यह पूरी तरह सच है। आर्बिटल असेंबली कॉरपोरेशन नामक कंपनी के विशेषज्ञों ने पृथ्वी की निचली कक्षा में एक आलीशान होटल बनाने की योजना बनाई है और इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। विशेषज्ञों के हवाले से एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसकी मानें तो अंतरिक्ष के पहले होटल का काम अबसे चार साल बाद यानी 2025 से शुरू कर दिया जाएगा। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि 2027 तक इसे लॉन्च भी कर दिया जाएगा। दरअसल, ओएसी कंपनी का वोयेजर स्पेस स्टेशन 2027 तक तैयार होने की संभावना जताई जा रही है। इस होटल में क्रूज जहाज की तरह ही तमाम सुविधाएं होंगी। करीब 400 मेहमानों के लिए कमरों का इंतजाम होगा। इसके साथ ही यहां थीम्ड रेस्तरां, सिनेमा, बार और स्पा समेत कई सुविधाएं ठहरने वाले मेहमानों को मिलेंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, वोयेजर स्पेस स्टेशन रिंगों की एक श्रृंखला से बना होगा, जिसमें रिंग के सबसे बाहरी हिस्से में 24 पॉड लगे होंगे। स्टेशन में एक आंतरिक डॉकिंग रिंग होगी जो जहाजों और यात्रियों को उतारने की अनुमति देगी। फिर एक वास रिंग होगी, जिसमें बाहरी किनारे पर कई पॉड होंगे। इसमें एक जिम, रसोई, रेस्तरां, बार और चालक दल के क्वार्टर शामिल हैं। वहीं इसके अन्य मॉड्यूल निजी या सरकारी होंगे, जिनमें विला, होटल या वाणिज्यिक गतिविधि क्षेत्र शामिल हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, लोगों को पृथ्वी पर मौजूद आलीशान होटलों का अनुभव अब अंतरिक्ष में भी होगा। यह स्पेस स्टेशन गोलाकार होगा और इसके बाहरी किनारों से जुड़ने के लिए अलग-अलग कई पॉड जोड़े जाएंगे। स्टेशन कक्षा में धूमते हुए आर्टिफिशियल गुरुत्वाकर्षण पैदा करेगा, जो कि चांद के गुरुत्वाकर्षण के बराबर होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि गोलाकार स्टेशन से जोड़े जाने वाले कुछ पॉड्स को कंपनी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा या फिर ईएसए को बेच भी सकता है। हालांकि, जल्द से जल्द इस होटल का काम शुरू करने के लिए कंपनी ने कमर कस ली है, लेकिन इस पर कितना खर्चा होगा इस बात का खुलासा नहीं किया गया है।
कंपनी ओर से बताया गया कि सरकारी एजेंसियां या निजी कंपनियां अपने स्वयं के विज्ञान मॉड्यूल या मंगल ग्रह पर जाने के लिए तैयार अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में स्टेशन का उपयोग कर सकती हैं। दरअसल, नासा अपोलो कार्यक्रम में शामिल बर्नर वॉन ब्रान को 1950 के दशक में इस तरह का स्टेशन स्थापित करने का विचार आया था। उन्होंने कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण बनाने के लिए एक पहिये के आकार वाले निवास स्थान का प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन ये विचार 2012 में गेटवे फाउंडेशन के लॉन्च के साथ दुनिया के सामने आया।