LuLu मॉल विवाद: अब तक 5 लोग गिरफ्तार, अभी भी खंगाले जा रहे CCTV
यूपी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज पढ़ने को लेकर हुए विवाद के बाद 5 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. लेकिन इस कार्रवाई के बावजूद पुलिस मॉल में नमाज पढ़ने की न तो ठोस वजह तलाश पाई है और न ही नमाज का वीडियो वायरल करने वालों की पहचान कर सकी है. पुलिस के लिए कुछ सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब तलाशे जाने हैं. दरअसल, लुलु मॉल में बिना इजाजत नमाज पढ़ने के मामले में पुलिस ने बीते मंगलवार लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके से 4 युवकों को गिरफ्तार किया था. वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने दावा किया कि नमाज पढ़ने वालों में लुकमान, रेहान, नोमान और मोहम्मद आतिफ शामिल थे. इस मामले में शनिवार को पांचवें आरोपी आदिल को भी सआदतगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया.
अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि नमाज पढ़ने वाले यह लड़के दोपहर 2:30 बजे लुलु मॉल में पहुंचे थे, जहां पर पहले ग्राउंड फ्लोर और फिर दूसरे फ्लोर पर जाकर नमाज पढ़ी थी. वायरल वीडियो में जिसने नमाज की इमामत की, जो बाकी लड़कों से आगे खड़ा होकर नमाज पढ़ रहा था, वह मोहम्मद लुकमान था. लखनऊ पुलिस ने जब CCTV खंगालने शुरू किए तो पता चला कि नमाज में शामिल एक लड़का मॉल में एक अन्य लड़के से गले मिला था. गले मिलने वाले लड़के को CCTV से ट्रेस किया गया तो पता चला कि वह बाइक से मॉल घूमने आया था. रजिस्ट्रेशन नंबर के सहारे बाइक के मालिक की तलाश की तो पता चला कि गाड़ी कई साल पहले कई लोगों को बेची जा चुकी है. जब सभी मालिकों से पूछताछ की गई, तब लखनऊ पुलिस ने आदिल को गिरफ्तार कर लिया.
इन पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद लखनऊ पुलिस यह नहीं जान पाई है कि मॉल में नमाज किसी साजिश के तहत पढ़ी गई थी या एक साथ सभी का नमाज पढ़ना एक इत्तेफाक था. जांच से जुड़े एक अफसर का कहना है कि अब तक गिरफ्तार सभी आरोपी मॉल घूमने गए थे और सिर्फ नमाज का वक्त हो जाने के चलते नमाज पढ़ने लगे थे.
लेकिन इन पांच आरोपियों के अलावा नमाज में शामिल बाकी आरोपी कौन थे और उनका गिरफ्तार आरोपियों से क्या कनेक्शन था? वहीं, दूसरी तरफ गिरफ्तार आरोपी इस्लाम को बखूबी जानते थे तो फिर उनके नमाज अदा करने की दिशा और इमाम की दिशा गलत कैसे हो गई, इस पर भी लखनऊ पुलिस अभी जवाब तलाश रही है. फिलहाल, एडिशनल डीसीपी साउथ राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. कॉल डिटेल और मोबाइल टॉवर के आधार पर उन लोगों की भी तलाश हो रही है, जिन्होंने मॉल के अंदर 2 वीडियो बनाए.
पुलिस ने बताया कि एक वीडियो 1 मिनट 25 सेकंड का था और दूसरा लगभग 18 सेकंड का बना था और जिनको वायरल किया. शुरुआती जांच और पूछताछ के बाद नमाज का वीडियो वायरल करने के पीछे साजिश कम नजर आ रही है.