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लूडो गेम हुनर है या जुआ? बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

Deepa Sahu
4 Jun 2021 11:13 AM GMT
लूडो गेम हुनर है या जुआ? बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
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लूडो हुनर का खेल नहीं है.

लूडो हुनर का खेल नहीं है. यह तक़दीर का खेल है. लूडो के नाम पर राज्य में जुआ खेला जा रहा है और यह एक सामाजिक बुराई बनकर सामने आ रहा है. यह कहते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है और अदालत से इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है. यह याचिका महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के नेता केशव मुले (MNS Leader Keshav Mule) ने दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि लूडो सुप्रीम ऐप पर लोग पैसे दांव पर लगा कर खेल रहे हैं.

इस ऐप में लूडो खेलते हुए चार लोग 5-5 रुपए का दांव लगाते हैं. जीतने वाले को 17 रुपए मिलते हैं. जबकि ऐप चलाने वाले को 3 रुपए मिलते हैं. यह गैंबलिंग प्रतिबंधत कानून की धारा 3,4 और 5 के तहत आता है. इसलिए ऐप चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया नोटिस
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. याचिका पर 22 जून 2021 को सुनवाई होनी है. इस मामले को लेकर पहले निचली अदालत में याचिका दायर की गई थी. निचली अदालत ने इसे हुनर का खेल मानते हुए एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने से इंकार कर दिया था.
कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा
गुरुवार को हॉलिडे कोर्ट के जस्टिस एस.एस.शिंदे और जस्टिस अभय आहूजा की बेंच के सामने यह सुनवाई हो रही है. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जब कोर्ट ने पूछा कि इस पर तुरंत सुनवाई की जरूरत क्यों आ पड़ी? तो याचिकाकर्ता के वकील निखिल मेंगड़े ने कहा कि लूडो के नाम पर बड़े पैमाने पर जुआ खेला जा रहा है और यह सामाजिक बुराई का रूप लेता जा रहा है. बहुत अधिक तादाद में युवा वर्ग इस खेल की ओर आकर्षित हो रहे हैं. इसलिए कोर्ट को इस पर तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए.
याचिकाकर्ता का कहना है कि लूडो के खेल में डाइस (पांसा) गिरने के बाद उस पर आने वाले अंकों पर खेल का रुख निर्भर करता है. इस तरह यह खेल तकदीर पर निर्भर करता है, इसमें हुनर की जरूरत नहीं होती है. इस खेल में लोग जब पैसे दांव पर लगाते हैं तो यह जुआ का रूप ले लेता है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है और याचिका पर अब अगली सुनवाई की तारीख 22 जून को रखी है.
निचली अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने से इंकार किया था
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इसे हुनर का खेल करार दिया है. याचिकाकर्ता ने इस बारे में वीपी रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत की थी. मजिस्ट्रेड कोर्ट ने लूडो को हुनर का खेल मानते हुए इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दिया. इसके बाद याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल की गई और कोर्ट से अपील की गई कि मजिस्ट्रेट कोर्ट के 12 फरवरी 2021 के फैसले को रद्द किया जाए और कार्रवाई का आदेश दिया जाए.
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