Lucknow: होटल इण्डस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए बिल्डिंग बाइलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री योगी
लखनऊ: Chief Minister Yogi Adityanath ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की कार्ययोजनाओं के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री जी ने शाहजहांपुर के दीर्घकालिक सुनियोजित विकास हेतु शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता जताई।
मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विगत वर्षों में शाहजहांपुर व आस-पास के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की अनेक परियोजनाओं से औद्योगिक विकास तेज हुआ है और आबादी में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है। वर्तमान सरकार के पहले कार्यकाल में ही शाहजहांपुर को नगर निगम बनाया गया था। यहां पूर्व से ही विनियमित क्षेत्र है। हाल ही में यहां का मास्टर प्लान-2031 भी तैयार कराया गया है। अब आवश्यकता है कि, शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि विकास प्राधिकरण का गठन करते समय यह ध्यान रखा जाए कि प्राधिकरण के अन्तर्गत आ रहे गांवों में आबादी की भूमि को ग्रीन लैण्ड न घोषित किया जाए। आम आदमी को किसी प्रकार की समस्या न हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कतिपय सरकारी भवन या तो उपयोग में नहीं है अथवा निर्माण कार्य अधूरा है। उन्होंने निर्देशित किया कि इन्हें चिन्हित कर ऐसे भवनों का सदुपयोग किया जाए। अधूरे भवनों का निर्माण कार्य पूरा कराया जाए। प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम के कार्यों में तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री जी ने होटल इण्डस्ट्री के विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की पर्यटन सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। देश से सबसे ज्यादा पर्यटक उत्तर प्रदेश में आते हैं। इन सकारात्मक परिस्थितियों ने होटल इण्डस्ट्री के लिए अपार सम्भावनाओं को जन्म दिया है। प्रदेश में बड़ी संख्या में होटलों की आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। होटल इण्डस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए बिलिं्डग बाइलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आवासीय क्षेत्र में 06 कमरों से 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि और होटल तक पहुंच मार्ग की चैड़ाई की न्यूनतम सीमा में बदलाव किया जाना चाहिए। साथ ही, पार्किंग, सिक्योरिटी और फ़ायर सेफ्टी जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषयों में मानकों का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।