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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
लखनऊ: राजधानी लखनऊ के लेवाना होटल अग्निकांड में रेस्क्यू कर सिविल अस्पताल ला गए लोगों ने बताया कि सामने मौत थी। आग लगने के बाद कमरे का दरवाजा नहीं खुल रहा था। कमरे में धुआं भर चुका था। यदि शीशा तोड़कर बालकनी के रास्ते दमकल कर्मी समय पर न पहुंचते तो जान बचनी मुश्किल थी। वहीं, दिन में 11:50 तक 15 दमकल वाहन मौके पर आग पर काबू पाने और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए थे।
दिल्ली से आई एक महिला ने बताया कि सुबह साढ़े सात बजे के करीब कमरे में धुआं भरना शुरू हो गया। इंटरकॉम से रिसेप्शन पर मिलाया तो फोन नहीं उठा। जब दरवाजा खोल कर बाहर जाने की कोशिश की तो वह खुला ही नहीं। धुएं की वजह से सांस लेना मुश्किल हुआ जा रहा था। इस कारण सर भारी हो गया और घुटन होने लगी। इसी बीच दमकल कर्मी खिड़की के रास्ते भीतर आ गए और जान बच गई।
मदन मोहन मालवीय मार्ग पर होटल के रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है और 15 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच गई हैं। आग बुझाने का प्रयास जारी है। दमकलकर्मी इस वक़्त तीसरी मंजिल पर आग बुझा रहे हैं।
डीएम सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि संभावना है कि शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी हो। पहले तल पर बैंक्वेट है। जहां ज़्यादा मरीज़ थे। 35-40 लोग यहां रहे होंगे। सिविल अस्पताल ले जाया गया है।
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