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लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बयान, सीमा पार मौजूद हैं आतंकी कैंप्स

jantaserishta.com
7 May 2022 7:38 AM GMT
लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी का बयान, सीमा पार मौजूद हैं आतंकी कैंप्स
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उधमपुर: भारत-पाक बॉर्डर पर 200 आतंकवादी मौजूद हैं, जो कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं. सीमा पार आतंकवादी गतिविधियां जारी हैं. 6 बड़े और 29 छोटे आतंकी शिविर हैं. लेकिन भारतीय सेना पूरी तरह से मुस्तैद है. ये बातें उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नॉर्थ टेक सिम्पोजियम सेमिनार के पहले दिन कहीं. उन्होंने कहा कि इस साल अब तक 21 आतंकियों का सफाया हो चुका है.

नॉर्थ टेक सिम्पोजियम सेमिनार में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पिछले एक साल में सीजफायर उल्लंघन की बहुत कम घटनाएं हुई हैं सिर्फ 3 बार उस पार से युद्धविराम का उल्लंघन हुआ है. लेकिन ये भी सच है कि बॉर्डर पार आतंकवादी एक्टिवटी हो रही है. उन्होंने आतंकवादी घटनाओं के लिए पाकिस्तानी सेना को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही कहा कि पाकिस्तानी सेना और उसकी एजेंसियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि कि फिलहाल 40 से 50 स्थानीय आतंकवादी भीतरी इलाकों में सक्रिय हैं. साथ ही कट्टरपंथ पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में एक बदलाव आया है. सेना इस बदलाव को लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. 48 सद्भावना स्कूलों में 15 हजार से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं, जहां उन्हें बेहतर भविष्य का निर्माण करना सिखाया जा रहा है.
अमरनाथ यात्रा पर लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सफाई की जा रही है, ऑपरेशन शिवा के तहत SOP लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2019 की तुलना में इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा के दौरान कोई आतंकवादी घटना न हो. इसके लिए अतिरिक्त बल तैनात किए जा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के रद्द होने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमें कुछ संकेतों पर गौर करने की जरूरत है. लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सुरक्षा बलों के काफी प्रयासों के कारण स्थिति सामान्य हो गई है. उन्होंने कहा कि अगर डीडीसी सदस्य बिना सुरक्षा के आम लोगों तक पहुंच सकते हैं, अगर जिला आयुक्त बिना सुरक्षा के लोगों तक पहुंचने में सक्षम हैं, तो ये बड़े संकेत हैं. हमें इन पर गौर करना चाहिए. अगर ये संकेत ठीक हैं और आपको लगता है कि केंद्रीय बलों की आवश्यकता है, तो ठीक है. अफस्पा हटाने पर स्थिति सामान्य रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यही वो सवाल है, जो हमें पूछने की जरूरत है. जिस दिन जवाब मिल जाएगा, तब AFSPA को हटाया जा सकता है.


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