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तीखी टिप्पणियां.
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली की एक अदालत ने 'लव जिहाद' के आरोप में एक मुस्लिम युवक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने कई तीखी टिप्पणियां करते हुए कहा कि यह भी सच ही है कि लव जिहाद को अंजाम दिया जा रहा है। अडिशनल सेशन जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि लव जिहाद के तहत मुस्लिम पुरुष पूरी प्लानिंग के साथ हिंदू महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं। उनके आगे प्यार का नाटक करते हुए शादी करते हैं और फिर उनका इस्लाम में धर्मांतरण कराया जाता है। यह शायद पहला मौका है, जब देश में किसी अदालत ने इस तरह लव जिहाद को लेकर टिप्पणियां की हैं। आइए जानते हैं, जज रवि कुमार दिवाकर ने क्या-क्या कहा...
1. इस केस में आरोपी मोहम्मद आलिम ने पीड़िता को अपना नाम आनंद बताया। फिर उसके साथ प्यार की बात की और हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी भी कर ली। इसके बाद उसका रेप किया गया। इस दौरान उसकी तस्वीरें और वीडियो भी बना लिए गए। फिर इन्हीं का डर दिखाकर उससे कई बार रेप किया गया।
2.जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य भारत में अपनी सत्ता स्थापित करना है। इसके लिए डेमोग्रेफिक वार छेड़ी जा रही है। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश है और एक मजहब विशेष के अराजक तत्व इसमें शामिल हैं।
3.अदालत ने कहा, 'सीधे शब्दों में कहें तो लव जिहाद एक ऐसी प्रैक्टिस है, जिसे मुस्लिम पुरुष गैर-मुसलमान महिलाओं के खिलाफ अंजाम देते हैं। इसके तहत उनके साथ प्यार का नाटक करके शादी कर ली जाती है। फिर उनका धर्मांतरण कराया जाता है। इसमें एक ही धर्म के कुछ अराजक तत्व शामिल रहते हैं। यह पूरा मामला अंतरराष्ट्रीय साजिश का है। कुछ अराजक तत्व ही ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं, लेकिन इसके चलते पूरा मजहब ही बदनाम होता है। लव जिहाद के लिए बहुत पैसे की जरूरत होती है। इसलिए लव जिहाद में विदेशी फंडिंग से भी इनकार नहीं किया जा सकता।'
4. जज ने यह भी कहा कि किसी को भी यह अधिकार नहीं दिया जा सकता कि वह जबरन किसी का धर्मांतरण कराए। अदालत ने कहा, ‘यदि किसी का अवैध रूप से धर्मांतरण होता है। इसके लिए जबरदस्ती की जाती है, झूठ बोला जाता है, लालच दिया जाता है या फिर धोखा दिया जाता है तो फिर निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश धर्मांतरण रोधी कानून, 2021 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें यह नहीं देखना चाहिए कि कौन व्यक्ति है।’
5.यदि भारत सरकार लव जिहाद के तहत इस तरह के अवैध धर्मांतरण को समय पर रोक नहीं पाई तो फिर देश को भविष्य में इसके अंजाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि इन मामलों को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि ये देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा हैं।
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