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अंधविश्वास से चली गई जान: सांप काटने पर परिजन करवाते रहे झाड़-फूंक, हुई मौत

Admin2
15 May 2021 2:54 PM GMT
अंधविश्वास से चली गई जान: सांप काटने पर परिजन करवाते रहे झाड़-फूंक, हुई मौत
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अंधविश्वास

गिरिडीह। गांव-गांव में लोगों ने यह कहावत सुन रखी है कि नीम हकीम खतरे जान. लेकिन अब भी वे नीम हकीमों से सतर्क नहीं हुए. इसी का नतीजा है कि बगोदर थाना क्षेत्र में सर्पदंश के शिकार एक वृद्ध की मौत हो गई. सांप के काट लेने के वृद्ध के परिजन झाड़फूंक में लगे रहे थे. यह मामला बगोदर थाना क्षेत्र के के अड़वारा गांव का है. यहां सांप के काटने से रामधन महतो नाम के वृद्ध की मौत हो गई है. बताया जाता है कि सांप के काटने के बाद रामधन के परिजनों ने झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के चक्कर में सारा दिन गुजार दिया. जब रामधन की हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें बगोदर सीएचसी लाया गया. यहां उन्हें स्नैक एंटी वेनम का इंजेक्शन लगाया गया, लेकिन फिर भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.

परिजनों ने बताया कि रामधन महतो खेत की ओर गए थे. इसी दौरान एक विषैले सांप ने उन्हें डंस लिया. जब इसकी जानकारी घरवालों को हुई तो उन्होंने रामधन के इलाज के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया. पूरे दिन रामधन की झाड़-फूंक होती रही. लेकिन इन सब से जब रामधन की हालत में सुधार नहीं हुआ. तब उन्हें बगोदर सीएचसी ले जाया गया. बगोदर सीएचसी में उन्हें स्नैक एंटी वेनम का इंजेक्शन लगाया गया. लेकिन ओझा-गुणी और झाड़-फूंक के दौरान विष उसके पूरे शरीर में फैल चुका था. जिसका नतीजा रहा कि उनके शरीर पर इंजेक्शन का भी असर नहीं हुआ और इलाज के क्रम में बगोदर सीएचसी में उनकी मौत हो गई. इस मौत के बाद गांव में मातम छा गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि अगर सही वक्त पर रामधन को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया होता, तो उन्हें बचाया जा सकता था. लेकिन परिवार वालों ने झाड़-फूंक के चक्कर में बहुत देर कर दी.

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