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कश्मीरी पंडितों को हुआ नुकसान: कांग्रेस नेता शशि थरूर

jantaserishta.com
19 March 2022 9:54 AM GMT
कश्मीरी पंडितों को हुआ नुकसान: कांग्रेस नेता शशि थरूर
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नई दिल्ली: फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (the kashmir files) को लेकर बहस का दौर जारी है. नेशनल कॉफ्रेंस ने फिल्म के बारे में कहा कि फिल्म निर्माताओं ने आतंकवाद से पीड़ित मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को नजरअंदाज किया है. यह सच से बहुत दूर है तो वहीं कांग्रेस के लोकसभा सांसद शशि थरूर (Shashi tharoor) ने एक पोस्ट को साझा करते हुए लिखा कि पोस्ट में काफी हद तक यह सही है. कश्मीरी पंडितों (kashmiri pandits) को खासा नुकसान उठाना पड़ा. हमें उनके अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए. कश्मीरियों को न्याय चाहिए.


कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिलाल जैदी की फेसबुक पर किए पोस्ट को साझा करते हुए कहा कि इस पोस्ट में काफी हद तक यह सही है: कश्मीरी पंडितों को बहुत नुकसान हुआ. हमें उनके अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए, लेकिन कश्मीरी मुसलमानों का खलनायक कहने से पंडितों को कोई मदद नहीं मिलने वाली. नफरत बांटती है और मारती भी हैं. कश्मीरियों को न्याय चाहिए. सभी को सुनने, मदद करने और सही करने की जरुरत है.
बिलाल जैदी ने अपने पोस्ट लिखा, कश्मीरी पंडितों की पीड़ा वास्तविक थी/है. सिर्फ इसलिए कि एक प्रोपैगेंडिस्ट ने इस विषय पर फिल्म बनाई है, या यह कि दक्षिणपंथी जब भी संभव हो इसे हाईजैक करने की कोशिश करते हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से बाहर नहीं निकाला गया था. संख्या कोई मायने नहीं रखती. भले ही अल्पसंख्यक समुदाय के 3 सदस्य मारे गए हों, लेकिन नफरत के कारण किसी भी निर्दोष की जान नहीं जानी चाहिए. जब तक आप पीड़ित लोगों के दर्द को स्वीकार नहीं करेंगे तो तब तक आप किसी भी मतभेद को हल नहीं कर सकते.
इस बीच नेशनल कॉफ्रेंस ने शुक्रवार को फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' पर अपनी चुप्पी तोड़ी और कहा कि फिल्म सच से बहुत दूर है क्योंकि फिल्म निर्माताओं ने आतंकवाद से पीड़ित मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को नजरअंदाज किया है. पार्टी के उपाध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर 'द कश्मीर फाइल्स' एक व्यावसायिक फिल्म होती, तो किसी को कोई समस्या नहीं थी लेकिन अगर फिल्म निर्माता दावा करते हैं कि यह वास्तविकता पर आधारित है, तो सच्चाई इससे अलग है.
अब्दुल्ला ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के दमाल हांजीपोरा में कहा, 'जब कश्मीरी पंडितों के पलायन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री नहीं थे. जगमोहन राज्यपाल थे. केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी, जिसे भाजपा ने बाहर से समर्थन दिया हुआ था.' उमर ने आश्चर्य जताया कि इस तथ्य को फिल्म से दूर क्यों रखा गया है.
उन्होंने कहा, 'सच्चाई को तोड़े-मरोड़े नहीं. यह सही चीज नहीं है. अगर कश्मीरी पंडित आतंकवाद के शिकार हुए हैं तो हमें इसके लिए बेहद खेद है. हालांकि, हमें उन मुसलमानों और सिखों के संघर्ष को भी नहीं भूलना चाहिए, जिन्हें उसी बंदूक से निशाना बनाया गया था.' उमर ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों का अभी वापस आना बाकी है. आज एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है जहां हम उन सभी को वापस ला सकें, जिन्होंने अपना घर छोड़ दिया था.' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए माहौल बनाया जाएगा.
हाल में रिलीज हुई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सात से आठ कमांडो चौबीसों घंटे अग्निहोत्री की सुरक्षा करेंगे. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अग्निहोत्री को सीआरपीएफ की 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है.


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