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MP में भगवान जगन्नाथ को लगी लू, अब 15 दिन बाद ही देंगे भक्तों को दर्शन
Deepa Sahu
24 Jun 2021 4:18 PM GMT
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क्या आपने कभी सुना है कि दुनिया का पालनहार करने वाले भगवान खुद भी कभी बीमार पड़ते हों.
क्या आपने कभी सुना है कि दुनिया का पालनहार करने वाले भगवान खुद भी कभी बीमार पड़ते हों. सुनकर और पढ़कर बहुत अजीब लग रहा होगा, लेकिन ये सच है. इस भीषड़ गर्मी में संसार की रक्षा करने वाले भगवान खुद भी बीमार हो गए हैं. दरअसल हम बात कर रहे है पन्ना (panna madhya pardesh) के भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) स्वामी जी की. भगवान जगन्नाथ को लू लग गई है. इस वजह से गुरुवार यानि 24 जून से आने वाले 15 दिनों के लिये भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं. इन 15 दिनों में भगवान आराम करेंगे और किसी भी भक्त को उनके दर्शन करने की इजाजत नहीं होगी.
उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी मंदिक की तर्ज पर मंदिरों की नगरी पन्ना में भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा (jagannath rath yatra 2021) का कार्यक्रम 150 सालों से होता चला आ रहा है. पुरी के मंदिर की तरह ही यहां भी बड़े ही धूमधाम से यात्रा निकाली जाती है
भगवान लू लगने से हुए बीमार
पन्ना जिले में भगवान जगन्नाथ स्वामी का प्राचीन मंदिर है. इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ स्वामी अपनी बहन सुभद्रा,और भाई बलभद्र के साथ विराजमान है. मंदिरों की नगरी पन्ना में भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर में रथयात्रा का कार्यक्रम बड़े धूमधाम हर्षोल्लास के साथ 150 साल पहले से मनाने की परंपरा चली आ रही है. इस परंपरा के तहत रथयात्रा के पहले भगवान लू लग जाने से बीमार पड़ जाते हैं. दरअसल मान्यताओं के अनुसार भगवान जगन्नाथ स्वामी को धूप में नहलाने के कराण उन्हें लू लग जाती है. जिसके चलते वो बीमार हो जाते हैं.
आज कराया गया था भगवान को स्नान
भगवान जगन्नाथ स्वामी मंदिर में गुरुवार के दिन सुबह राज परिवार की उपस्थिति में भगवान के स्नान यात्रा की रस्म अदायगी की जाती रही है, लेकिन इस साल राज परिवार के सदस्य किसी कारणवश नहीं आ पाए. इस स्नान के साथ ही ऐतिहासिक रथ यात्रा महोत्सव का आगाज हो जाता है. बीमार भगवान को ठीक करने के लिए भक्त प्रार्थना करते है. सबसे पहले भगवान को मंदिर के गर्भगृह से बाहर लाया जाता है. यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ औषधीय जल से भगवान को स्नान कराया जाता है. इसी दौरान लू लगने से भगवान बीमार पड़ गए इससे उनकी दिनचर्या और भोजन व्यवस्था भी बदल दी जाती है. ठीक होने तक उन्हें प्रतिदिन वैद्य द्वारा दवा देने की परंपरा भी निभाई जाती है. इस दौरान मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं.
168 सालों से निकाली जा रही है रथयात्रा
कोरोना काल के चलते मंदिर में कोविड जांच के बाद श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है. सीमित श्रद्धालुओं और पन्ना कलेक्टर,मंदिर पुजारियों की मौजूदगी में आज कार्यक्रम सम्पूर्ण किया गया है. जगन्नाथ स्वामी मंदिर के पुजारी राकेश गोस्वामी का कहना है कि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के 36 साल बाद पन्ना में भी आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया को जगन्नाथ जी की रथयात्रा निकालने की शुरुआत हुई. बीते 168 वर्षो से रथयात्रा निकालने का सिलसिला यहां अनवरत चला आ रहा है. इस रथ यात्रा में हजारों की भीड़ के साथ घोड़े-हाथी, ऊंट की सवारी निकलती है. लेकिन कोरोना काल के चलते इस बार कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार रथयात्रा का आयोजन किया जाएगा.
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