दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के लिए जमीन खरीद की घोटाले के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. योगी सरकार ने अयोध्या में जमीन खरीद की जांच के आदेश दिए हैं तो कांग्रेस भी अब हमलावर हो गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसमें घोटाला होने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले राम मंदिर के चंदे में घोटाला किया गया और अब दलितों की जमीन को हड़पा जा रहा है. प्रियंका ने जिला स्तर के अधिकारी को जांच दिए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए.
प्रियंका गांधी ने कहा कि 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन 8 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेची, उसी जमीन का दूसरा हिस्सा (12 हजार वर्ग मीटर) को 2 करोड़ रुपये में किसी रवि मोहन तिवारी को बेची गई. ये जमीन 19 मिनट बाद बेची गई तो जो 12 हजार वर्ग मीटर की दूसरी जमीन है, उसे रवि मोहन तिवारी 19 मिनट बाद खरीदते हैं. तिवारी ने जो जमीन खरीदी उसमें आरएसएस से जुड़े अनिल मिश्रा और राम मंदिर के ट्रस्टी गवाह हैं. उसमें दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं. 5 मिनट बाद रवि मोहन तिवारी उसी 2 करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं. अगर ये घोटाला नहीं है, भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई बड़े अधिकारियों ने औने-पौने दाम पर जमीन खरीदी थी. इस लिस्ट में अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल, मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, आईपीएस दीपक कुमार, रिटायर्ड आईएएस उमा धर द्विवेदी, पीपीएस अरविंद चौरसिया द्वारा खरीदी गई जमीनें शामिल है.
गोसाईगंज से विधायक रहे विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 30 लाख रुपए में 2593 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. खब्बू तिवारी के बहनोई राजेश मिश्रा ने राघवाचार्य के साथ मिलकर बरहेटा गांव में 6320 वर्ग मीटर जमीन 47.40 लाख रुपए में खरीदी.
अयोध्या के एक अन्य विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने दिसंबर 2020 में सरयू नदी के पार गोंडा के महेशपुर में 4 करोड़ में 14860 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. वहीं इनके भतीजे तरुण मित्तल ने नवंबर 2019 में बरहटा माझा में 5174 वर्ग मीटर जमीन 1.15 करोड़ रुपए में खरीदी. अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य बलराम मौर्या ने अयोध्या मंदिर निर्माण स्थल से 5 किलोमीटर दूर गोंडा के महेशपुर गांव में ₹50लाख में 9375 वर्ग मीटर जमीन खरीदी.
अयोध्या में कमिश्नर रहे एमपी अग्रवाल के ससुर केपी अग्रवाल ने दिसंबर 2020 में महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से 31 लाख रुपए में 2530 वर्ग मीटर जमीन बरेटा माझा गांव में खरीदी. वहीं अग्रवाल के बहनोई आनंद वर्धन ने महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट से ही 15.50 लाख रुपए में 1260 वर्ग मीटर जमीन ली. अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने तो फैसला आने से 2 महीने पहले ही सितंबर 2019 में 30 लाख रुपए में 1480 वर्ग मीटर जमीन खरीद ली. वहीं जुलाई 2018 में ऋषिकेश उपाध्याय ने अयोध्या के काजीपुर चितवन में दान के रुप में 2530 वर्ग मीटर जमीन ली जिसकी कीमत एक करोड़ से अधिक बताई जाती है.
अयोध्या में तैनात रहे एडिशनल एसपी अरविंद चौरसिया के ससुर संतोष चौरसिया ने जून 2021 में रामपुर हलवारा गांव में ₹4लाख में 126.48 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. डीआईजी रहे दीपक कुमार के ससुराल पक्ष ने भी 1020 वर्ग मीटर जमीन महर्षि रामायण ट्रस्ट सहित 19 लाख ₹75000 में ली है. हालांकि दीपक कुमार जमीन के सौदा के वक्त अयोध्या में तैनात नहीं थे. इस संबंध में डीआईजी रेंज अलीगढ़ दीपक कुमार का कहना है कि उनका इस जमीन की खरीद-फरोख्त से कोई लेना देना नहीं है ना ही उनकी जानकारी में रहा है और ना ही उनकी तैनाती के वक्त इसका कोई सौदा हुआ.
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— Youth Congress (@IYC) December 23, 2021