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फिल्म की तर्ज पर लूट, पुलिस के फर्जी आईकार्ड दिखाकर की वारदात, 7 आरोपी अरेस्ट

HARRY
14 Aug 2022 4:45 PM GMT
फिल्म की तर्ज पर लूट, पुलिस के फर्जी आईकार्ड दिखाकर की वारदात, 7 आरोपी अरेस्ट
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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर लूट के सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों का नाम सुभाष प्लेस के सनसनीखेज डकैती मामले में शामिल है. पुलिस ने आरोपी प्रशांत कुमार पाटिल, जाहिद, ज्योति, नेहा, इमरान, फैसल और संजय के कब्जे से 4.5 लाख रुपए, 2 लाख से अधिक की राशि खातों में जमा पाई गई. पुलिस ने आरोपियों के पास से लूट का लैपटॉप, 35 मोबाइल, सिम कार्ड, मुंबई पुलिस के फर्जी पहचान पत्र, फर्जी एटीएम कार्ड बरामद किए हैं.

इस मामले में दो आरोपी पूर्व में मध्य प्रदेश के अलग-अलग दो धोखाधड़ी के मामलों में शामिल पाए गए. जेल में रहते हुए आरोपियों ने लूट को अंजाम देने की साजिश रची.
जानकारी के अनुसार, 10 अगस्त 2022 को विजय यादव ने लूट के मामले की शिकायत पुलिस से की थी. विजय एक वेलनेस कंपनी के मालिक हैं और उनका कार्यालय नेताजी सुभाष प्लेस परिसर में है. विजय ने पुलिस से कहा कि वह जब अपने कर्मचारियों के साथ कंपनी के कार्यालय में मौजूद थे, तब लगभग 12:30 बजे मुंबई पुलिस की छापेमारी के बहाने कंपनी के कार्यालय में 3 पुरुष और 1 महिला में घुस आए.
सभी आरोपियों ने गले में मुंबई पुलिस का पहचान पत्र पहना था. उन्होंने मारपीट शुरू कर दी और बीस लाख रुपये की मांग की. इसके बाद शिकायतकर्ता ने मजबूरन अपनी पत्नी को फोन कर पैसे की मांग की.
शिकायतकर्ता की पत्नी ने किसी तरह 5 लाख रुपए का इंतजाम किया. शाम करीब साढ़े पांच बजे आरोपियों ने शिकायतकर्ता और उसकी 4 अन्य महिला कर्मचारियों को कार्यालय में बंद कर दिया और रुपये लेकर चले गए. कार्यालय से 5 लाख 75 हजार रुपए नकद, 10 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और लगभग 45 हजार की और नकदी ले गए.
पुलिस टीमों ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की. कई स्थानों पर छापे मारे गए. इसके बाद स्पेशल स्टाफ टीम ने एक संदिग्ध गांव-लिबासपुर दिल्ली के 29 वर्षीय प्रशांत कुमार पाटिल को पकड़ लिया. पूछताछ करने पर उसने मामले में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया. प्रशांत ने बताया कि वह दो महिलाओं सहित 7 अन्य आरोपियों के साथ इस लूट में शामिल था. पुलिस ने उसके कब्जे से 2 लाख 48 हजार 500 रुपए बरामद किए.
इसके बाद पुलिस ने दोनों महिला आरोपी ज्योति उर्फ ​​अंजलि और नेहा कश्यप को भी रोहिणी दिल्ली से पकड़ लिया. उनके पास से शिकायतकर्ता का लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मुंबई पुलिस के फर्जी पहचान पत्र, फर्जी एटीएम कार्ड और फिनो पेमेंट्स बैंक के नाम से बचत बैंक खाता किट आदि सहित 25 अन्य मोबाइल फोन बरामद किए.
आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पता चला कि जाहिद उर्फ ​​​​गुरु जी और संजय मनोचा नाम के 2 अन्य आरोपी हरियाणा के मेवात से फरार हो गए हैं, जबकि 3 अन्य माजिद, फैसल और इमरान विदिशा और भोपाल से फरार हो गए हैं. घटना के बाद हरियाणा और मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी के लिए तत्काल स्पेशल स्टाफ और सुभाष प्लेस थाने की दो टीमों का गठन किया गया था.
छापेमारी कर हरियाणा के मेवात निवासी आरोपी 43 वर्षीय जाहिद को पुलिस टीम ने हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी इमरान को पुलिस ने सिरोंज, विदिशा, एमपी से और आरोपी फैसल को भोपाल से दबोच लिया. पुलिस ने आरोपी संजय को दिल्ली में उसके घर से पकड़ लिया. घटना के 72 घंटे के भीतर इस डकैती में शामिल 8 में से 7 आरोपियों को उत्तर-पश्चिम जिले की पुलिस टीमों ने लूटी गई नकदी और अन्य सामानों की बरामदगी के साथ पकड़ लिया.
पूछताछ में उक्त सभी आरोपितों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. उन्होंने बताया कि वे अपने विभिन्न लिंक के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में आए थे. वे बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' से प्रभावित थे और उन्होंने इस डकैती की साजिश रची.
आरोपी माजिद, फैसल, इमरान और नेहा उर्फ ​​अंजलि ने घटना के दौरान पीड़ित के ऑफिस में प्रवेश किया. खुद को मुंबई पुलिस के अधिकारी के रूप में बताया. आरोपी फैसल ने खुद को इंस्पेक्टर बताया. माजिद ने खुद को एसआई, ज्योति उर्फ ​​अंजलि ने खुद को महिला एसआई और इमरान ने खुद को मुंबई पुलिस में कांस्टेबल बताया. आरोपी प्रशांत कुमार पाटिल और जाहिद उर्फ गुरु जी पीड़ित विजय यादव को जानते हैं, वे शिकायतकर्ता के कार्यालय के अंदर नहीं गए, वे आरोपी संजय मनोचा और नेहा के साथ कार्यालय के बाहर निगरानी रख रहे थे.
आरोपी जाहिद उर्फ ​​गुरुजी और प्रशांत इस डकैती के मुख्य साजिशकर्ता थे. बताया जा रहा है कि आरोपी प्रशांत राजस्थान में जेई है, लेकिन वह निलंबित चल रहा है. उसे भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक धोखाधड़ी के मामले में एनएसपी कॉम्प्लेक्स से गिरफ्तार किया था. एक फर्जी कंपनी से ऋण स्वीकृत कराने के मामले में वह भोपाल जेल में बंद था. वहां उसकी मुलाकात दूसरे आरोपी माजिद से हुई. माजिद भी धोखाधड़ी के मामले में भोपाल जेल में था. आरोपी प्रशांत को 12 मार्च 2022 को भोपाल जेल से रिहा किया गया था, तभी से वह इस लूट की साजिश रच रहे थे.
आरोपी जाहिद लोगों को ताबीज बनाकर देता था. पटेल नगर स्थित बाबा फरीद नगर में आरोपी जाहिद के यहां प्रशांत जाता था. जेल से छूटने के बाद उसने दिल्ली के रोहिणी निवासी जाहिद, माजिद और उसके दो साथियों विदिशा के फैसल और इमरान और उसकी दो दोस्तों अंजलि उर्फ ​​ज्योति और नेहा के साथ साजिश रची. नेहा एक कंप्यूटर विशेषज्ञ है. वह नकली आई कार्ड और दस्तावेज बनाने में माहिर है. उसने शिकायतकर्ता और उसके कर्मचारियों के नाम से फर्जी आई-कार्ड और मुंबई कोर्ट का फर्जी वारंट तैयार किया था.
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