मणिपुर। मणिपुर में दो समुदायों के बीच बिगड़ी स्थिति के कारण राज्य के हालात अभी तक बदहाल हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. अब तक अर्धसैनिक बलों की 14 कंपनियां तैनात की जा चुकी हैं. राज्य सरकार के सूत्रों के मुताबिक और अर्धसैनिक बल आने वाले हैं. इंडिया टुडे की टीम ने शुक्रवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थिति को समझने की कोशिश की. असल में 3 मई को एटीएसयूएम एकजुटता मार्च के बाद 4 मई को हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा चर्चों, स्कूलों, घरों, वाहनों और कई संपत्तियों को आग लगा दी गई थी, जिसने पूरे मणिपुर राज्य में सांप्रदायिक तनाव फैला दिया था.
यहां एक बाल गृह सामने दिखा, जिसे 1972 में स्थापित किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने इसमें भी आग लगा दी थी. बाल गृह की सचिव प्रमोदिनी के मुताबिक, "प्रदर्शनकारियों ने पास के चर्चों को जला दिया, जिससे आग बेकाबू हो गई और हमारे बच्चों का घर भी इसकी चपेट में आ गया. जिस समय आग फैली, यहां 19 बच्चे रह रहे थे. इस तनाव के बाद सभी बहुत डरे हुए हैं.
इसके बाद टीम आगे बढ़ी. ये लंगोल इलाका था. सड़क किनारे पड़े सैकड़ों जले वाहन उस स्थिति की भयावहता बताने के लिए काफी थे, जब इलाके में प्रदर्शनकारी हिंसक हो चुके थे और सामने आने वाली हर बिल्डिंग, गाड़ी और अन्य भी वस्तुओं को देखते ही आग के हवाले कर रहे थे. तनावपूर्ण शांति के बीच कुछ सुरक्षाकर्मी यहां तैनात हैं, जो कि लांगोल के प्रभावित इलाके से पीड़ितों को निकाल रहे थे. हिंसा के बाद इंफाल शहर के हर कोने में देखा जा सकता है, जहां वाहनों में आग लगा दी गई थी और कुछ जगहों पर अभी भी आग की लपटें देखी जा सकती हैं. टीम इंफाल ईस्ट में हाओकिप वेंग गई, जहां उन्होंने एक किंडरगार्टन स्कूल, एक चर्च और कई घरों को जलते हुए देखा.
#WATCH | Manipur violence aftermath: Long queues in front of petrol pump in Imphal (05/05) pic.twitter.com/AZAOOtlfWD
— ANI (@ANI) May 6, 2023