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Lok Sabha Parliament Session संसद के मानसून सत्र का आज से आगाज
jantaserishta.com
21 July 2024 7:02 PM GMT
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इससे एक दिन पहले यानी कि सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो जाएगा. इस दौरान विपक्ष नीट पेपर लीक, रेलवे सुरक्षा और कांवड़ यात्रा को लेकर यूपी सरकार के फैसले समेत कई मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरने की तैयारी में है. मानसून सत्र से पहले रविवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसमें बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए.
संसद सत्र से पहले रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में जेडीयू और वाईएसआरसीपी ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. वहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की.तृणमूल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुई. वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए से जीतन राम मांझी और जयंत चौधरी भी बैठक में शामिल नहीं हुए. सूत्रों के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने मीटिंग में कांवड़ यात्रा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे लेकर लिया गया नेमप्लेट का फैसला 'पूरी तरह गलत है'
सोमवार से शुरू हो रहा संसद का ये सत्र 12 अगस्त तक चलेगा. इसमें कुल 19 बैठकें होनी हैं. इस दौरान सरकार की ओर से छह विधेयक भी पेश किए जाने की उम्मीद है. इसमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने वाला विधेयक भी शामिल है.साथ ही जम्मू-कश्मीर के बजट के लिए संसद की मंजूरी भी शामिल है. इस दौरान विपक्ष की ओर से हंगामा देखा जा सकता है. मंगलवार को पेश किए जाने वाले बजट से पहले वित्त मंत्री सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी.
इकोनॉमिक सर्वे ना केवल सरकार के रिपोर्ट कार्ड की तरह होता है जिसमें पिछले वित्त वर्ष का लेखा जोखा होता है. बता दें कि पहला आर्थिक सर्वे 1950-51 में पेश हुआ था. 1964 से इसे बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत करने की परंपरा शुरू हुई. इससे जनता को ना केवल अर्थव्यवस्था की सही स्थिति का पता चल जाता है बल्कि कई चुनौतियों के बारे में सरकार बताती है और उन्हे दूर करने के बारे में भी सर्वे में उल्लेख मिलता है. इस सर्वे से आम जनता को महंगाई, बेरोजगारी के आंकड़े तो मिलते ही हैं निवेश, बचत और खर्च करने का आईडिया मिल जाता है.
फर्ज कीजिए कि सरकार का फोकस इंफ्रास्ट्रक्चर पर है, तो यह सेक्टर निवेशकों को लुभा सकता है. यानि इससे सेक्टर वाइज संभावनाओं का अंदाजा लगता है. सर्वे ना केवल सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी भी देता है. आर्थिक सर्वे न केवल सरकार की नीतियों बल्कि भविष्य के आर्थिक दृष्टिकोण को भी बताता है यही वजह है कि इसे बजट से पहले पेश करने की परंपरा बनी हुई है.
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