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नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया. राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के दिवंगत सांसदों की उपलब्धियों का जिक्र किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. संसद में हाल ही में दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिवंगत सांसदों की उपलब्धियों का जिक्र किया.
PM मोदी का राहुल पर वार
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर से देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा,'जिन्हें जनता 80 बार नकार चुकी है, वो संसद का काम रोकते हैं. दुर्भाग्य से कुछ लोगों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को कंट्रोल करने की कोशिश की है.'
प्रधानमंत्री ने कहा,'शीतकालीन सत्र है और माहौल भी शीत ही रहेगा. 2014 का यह अंतिम कालखंड चल रहा है. देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ 2025 के स्वागत की तैयारी में भी लगा हुआ है. संसद का यह सत्र अनेक प्रकार से विशेष है. सबसे बड़ी बात है कि हमारे संविधान की यात्रा का 75वें साल में प्रवेश होना. ये अपने आप में लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही उज्ज्वल अवसर है.' माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की हार के बाद यह निशाना राहुल गांधी पर साधा है.
संसद की चर्चा पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा,'संविधान निर्माताओं ने, संविधान का निर्माण करते समय एक-एक बिंदु पर विस्तार से बहस की. तब जाकर हमने इसे प्राप्त किया. संसद इसकी महत्वपूर्ण इकाई है. पार्लियामेंट में स्वस्थ चर्चा होनी चाहिए. ज्यादा से ज्यादा लोगों को चर्चा में अपना योगदान देना चाहिए.'
नए सांसदों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,'दुर्भाग्य से कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संसद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. जिन्हें जनता ने अस्वीकार्य कर दिया है, वे मुट्ठीभर लोग भी हुड़दंगबाजी से संसद को कंट्रोल करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं. लेकिन जब समय आता है तो देश की जनता सजा भी देती है. पीड़ा की बात यह है कि जो नए सांसद हैं, चाहे वर किसी भी पार्टी के हों, उन्हें बोलने का मौका नहीं मिल पाता है.'
बता दें कि आज शीतकालीन सत्र के दौरान पांच नए विधेयक पेश होंगे. जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है. यानी कुल 16 विधेयक होंगे, जिन्हें सरकार इस सत्र में पारित करवाने की तैयारी में है. विपक्षी पार्टियों के जिस तरह के तेवर हैं, उससे साफ है कि शीत सत्र हंगामेदार रह सकता है.
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