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नई दिल्ली (आईएएनएस)| लंदन में दिए गए राहुल गांधी के बयान पर माफी की मांग और अडानी मसले पर जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जारी घमासान की वजह से गुरुवार को भी लोक सभा की कार्यवाही सुचारू ढंग से नहीं चल पाई। हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। गुरुवार को सुबह 11 बजे लोक सभा की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले शहीद दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता आंदोलन में अपने जीवन का बलिदान देने वाले अमर शहीदों- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को पूरे सदन की तरफ से श्रद्धांजलि दी गई। लोक सभा के सभी सांसदों ने इन अमर शहीदों की वीरता, शौर्य, देशभक्ति और शहादत को नमन करते हुए सदन की तरफ से मौन रहकर श्रद्धांजलि दी। सदन ने तीन पूर्व सांसदों के निधन पर भी शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू की, सदन में हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी खड़े होकर कुछ बोलते नजर आए। नारेबाजी के बीच लोक सभा स्पीकर बिरला ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी माननीय सदस्य को सदन में बोलने से नहीं रोका है। नियमों एवं प्रक्रियाओं के तहत सदस्य ने पहले भी अपनी बात सदन में रखी है और आगे भी इन्ही नियमों और प्रक्रियाओं के तहत वे बोलने की इजाजत देंगे।
दोनों पक्षों की तरफ से लगातार चल रही नारेबाजी के बीच उन्होंने बार-बार अनुरोध किया कि सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही को सुचारू ढंग से चलने दिया जाए, इसके बाद वो बोलने का मौका देंगे।
बिरला ने बार-बार सदन चलने देने की अपील करते हुए कहा कि देश चाहता है सदन चले, उनके मुद्दों पर चर्चा हो, उनकी कठिनाइयों पर चर्चा हो। लेकिन क्या आप (हंगामा कर रहे सांसद) नहीं चाहते कि यह सदन चले?
लेकिन इसके बावजूद दोनों पक्षों की तरफ से लगातार नारेबाजी होती रही और इसके बाद बिरला ने यह कहते हुए लोक सभा की कार्यवाही को दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया कि आप लोग (हंगामा कर रहे सांसद) सदन चलाना नहीं चाहते हैं।
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