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नशाखोरी नहीं चलेगी, महिलाओं ने ही संभाल लिया मोर्चा

Nilmani Pal
2 Aug 2022 11:08 AM GMT
नशाखोरी नहीं चलेगी, महिलाओं ने ही संभाल लिया मोर्चा
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इंदौर। शराब दुकानों और आबकारी नीति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह चुके हैं कि महिलाओं का विरोध हो वहां दुकान को हटाया जाए, लेकिन सीएम के आदेशों को हवा में उड़ाना अधिकारियों को आता है। इसी के चलते अब जमीन पर महिलाओं ने ही मोर्चा संभाल लिया है। जिंसी में खुली शराब दुकान के विरोध में सुबह से ही महिलाएं सड़क पर उतर आईं। सडक पर टेंट लगा दिए औऱ जमकर नारेबाजी की। यह सभी महिलाएं लट्‌ठ से लैस थीं। चौराहे पर दुकान खुलने से कई दिनों से इसी का विरोध हो रहा है। जब महिलाओं को पता चला कि विरोध के बाद भी दुकान खोलने की मंजूरी दे दी गई है तो वह सुबह से ही लट्‌ठ लेकर मैदान में उतर आईं। रहवासियों का कहना है कि दुकान से उनका जीना मुश्किल हो गया है। इस विरोध प्रदर्शन में उम्रदराज महिलाएं भी शामिल थी और इनके हाथों में भी लाठियां थी।

प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने दुकान की ओर आने वाले वाहन चालकों को लट्‌ठ दिखाकर मौके से ही भगा दिया। वहां पुलिस भी तैनात है। महिलाओं ने विरोध में रैली भी निकाली, यह सभी तख्तियां हाथ में लेकर चल रही थी जिसमें सीएम के बयान के अनुसार ही नशाखोरी के खिलाफ आह्वान किया हुआ था।

भाजपा नेता उमा भारती काफी समय से मध्य प्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही हैं। इसको लेकर आंदोलन भी किया। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराब दुकान की सामने नशा मुक्ति की चौपाल लगाई। उमा भारती शराब की दुकान के सामने ही कुर्सी डालकर बैठ गईं थी और अपनी बात रखी। उमा भारती ने भोपाल के आशिमा मॉल के पास शराब दुकान के सामने चौपाल लगाई थी। राज्य के कई जिलों में वे शराबबंदी के खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद की थी। उमा भारती ने सवाल किया कि हमारे देश में शराब पीकर वाहन चलाना अपराध है तो जो अहातों में बैठकर बड़े-बड़े झुंड में शराब पी रहे हैं वह जब बाहर निकलेंगे तब वह घर कैसे जायेंगे। ये खुद वाहन चलाकर जाएंगा या घर का कोई वाहन लेकर उनको लेने आएगा? या सरकार खुद उसके लिए वाहन की व्यवस्था करेगी। उमा भारती ने कहा कि ये क्यों जरूरी है मैं इसके लिए पंजाब का उदाहरण दूंगी, पहले शराब पीने का प्रचंड दौर चला फिर एक समय ऐसा आता है कि शराब से नशे की हवस पूरी नहीं होती तो व्यक्ति दूसरे नशे करता है। यही उड़ता पंजाब की कहानी है। हम भूलवश मध्य प्रदेश को पंजाब की तरह उड़ता मध्य प्रदेश ना बना दें.


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