दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दो साल के बच्चे की गोली मारकर हत्या करने के दोषी व्यक्ति की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। अभियोजन पक्ष ने कहा कि घटना 18 फरवरी 2016 को हुई, जब विनोद कुमार शिकायतकर्ता के घर गया और उसे अपने साथ शराब पीने के लिए कहा। शिकायतकर्ता की पत्नी ने इसका विरोध किया, जिस पर विनोद नाराज हो गया और वहां से चला गया।
हालांकि, थोड़ी देर बाद विनोद वापस आया और उसने खिड़की से गोली चला दी, जो शिकायतकर्ता के मासूम बेटे को लगी। लड़का उस समय अपने घर के खुले स्थान में पिता के साथ खेल रहा था। शिकायतकर्ता ने देखा कि कुमार घटनास्थल से मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रहा है। गोली लगने के बाद बच्चे को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसने दम तोड़ दिया। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और गौरांग कंठ की पीठ ने दोषी द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया और ट्रायल कोर्ट के मई 2022 के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि किसी भी हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।
खंडपीठ के अनुसार, अभियोजन पक्ष ने सबूतों की एक श्रृंखला भी स्थापित की है जो पूरी है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य और तथ्य यह है कि दोषी को आखिरी बार घटनास्थल पर देखा गया था, यह भी स्थापित किया गया है।