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होली से पहले ही बेरंग हुई इन ठेकेदारों की जिंदगी, 20 करोड़ की पेमेंट के लिए धरने पर बैठे

Shantanu Roy
6 March 2023 5:54 PM GMT
होली से पहले ही बेरंग हुई इन ठेकेदारों की जिंदगी, 20 करोड़ की पेमेंट के लिए धरने पर बैठे
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बड़ी खबर
पानीपत। एक ओर जहाँ पूरा देश होली के त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहा है तो वहीं करीब 20 ठेकेदार ऐसे हैं जो होली के पवित्र त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते दिख रहे हैं। अपनी करीब 20 करोड़ रुपये की पेमेंट के लिए 50 दिन से धरने पर बैठे ठेकेदार रंगों के त्यौहार होली को काले दिवस के रूप में मनाने को मजबूर हैं। मामला एंबिएंस कंपनी से जुड़ा हुआ है, जहां करीब 20 ठेकेदारों ने पानीपत के सेक्टर 36 और 37 में एंबिएंस नाम की कंपनी के लिए करोड़ों रुपए का काम किया था। लेकिन कंपनी ठेकेदारों के पैसे भुगतान किए बगैर ही अपना प्रोजेक्ट M3M नाम की कंपनी को देकर फरार हो गई। ठेकेदारों का कहना है कि एंबिएंस नाम की कंपनी के लिए काम करने के लिए उनके घर तक बिक गए। उन्होंने ना जाने किस-किस से पैसा उठाकर कंपनी के लिए काम किया था। लेकिन कंपनी बिना भुगतान किये ही m3m नाम की कंपनी को सारा प्रोजेक्ट सौंप गई और पैसे के नाम पर पल्ला झाड़ते हुए m3m से पैसे लेने की बात कही। जब m3m नाम की कंपनी से ठेकेदारों ने पैसे की डिमांड की तो m3m कंपनी ने ठेकेदारों की पेमेंट करनी तो स्वीकार की लेकिन बाद में मुकर गई।
ठेकेदारों का कहना है कि जहां मंगलवार को पानीपत जिले के लोग रंगो के त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाएंगे तो वही धरने पर बैठे ठेकेदारों का त्यौहार बेरंग हो चुका है। काली होली मनाने को विवश हैं। ठेकेदार रणबीर सिंह ने बताया कि कोई भी सिटी बसाने के लिए रेरा से लाइसेंस लेने की जरूरत होती है लेकिन m3m के पास इस तरह का कोई लाइसेंस नहीं है। उन्होंने प्रशासन और रेरा से गुहार लगाते हुए कहा कि इनका काम बंद करवाना चाहिए। ठेकेदार ने कहा रेरा को इस कंपनी को लाइसेंस देना भी नहीं चाहिए, क्योंकि जैसे एंबिएंस कंपनी भाग गई है वैसे ही लोगों के पैसे खा कर m3m कंपनी भी एक दिन भाग जाएगी। वहीं उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा की m3m कंपनी में कोई भी पैसा इन्वेस्ट ना करें। आपको बता दें कि ठेकेदार अपने पैसे के भुगतान को लेकर कई बार पानीपत जिला प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। वे प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज के दरबार में जाकर भी गुहार लगा चुके हैं। ठेकेदारों की गुहार के बाद जिला प्रशासन द्वारा एक बार कंपनी का काम रुकवा दिया गया था लेकिन बाद में फिर से कंपनी का काम चालू है। ठेकेदारों ने मीडिया के सामने मांग रखते हुए कहा कि उनकी एक ही मांग है कि कंपनी उनका भुगतान कर दे ताकि वह भी अपने बाल-बच्चे पाल सकें, नहीं तो सभी ठेकेदार आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएंगे।
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