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भारी बारिश से आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त व्यस्त, फसलों को भी भारी नुकसान

jantaserishta.com
11 Dec 2022 12:28 PM GMT
भारी बारिश से आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त व्यस्त, फसलों को भी भारी नुकसान
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अमरावती (आईएएनएस)| चक्रवाती तूफान मंडूस के प्रभाव से आंध्र प्रदेश के दक्षिण तट और रायलसीमा क्षेत्रों में रविवार को भी बारिश जारी रही। चक्रवाती तूफान के प्रभाव से लगातार हुई भारी बारिश के कारण निचले इलाकों और सड़कों पर पानी भर गया, जिसके कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, बारिश के कारण फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। प्रदेश के जिन जिलों में भारी बारिश हुई है उसमें एसपीएसआर नेल्लोर, प्रकाशम, तिरुपति, चित्तूर, अन्नामय्या और वाईएसआर कडप्पा आदि शामिल हैं। शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश की वजह से निचले इलाकों में पानी भर गया और नाले और झीलें उफान पर हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, रविवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे के दौरान दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर बहुत ज्यादा बारिश हुई। वहीं केरल, तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और रायलसीमा में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश देखने को मिली है। एसपीएसआर नेल्लोर जिले के अतमकुर में सबसे अधिक 13 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। मरकापुर (प्रकाशम), अमलापुरम (पूर्वी गोदावरी) और वेलीगंडला (प्रकाशम) में 10-10 सेंटीमीटर बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रकाशम जिले के कंदुकुर और मारीपुडी में 9 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं ओंगोल (प्रकाशम) उदयगिरि (एसपीएसआर नेल्लोर) और पोडिली (प्रकाशम) मेंं 8 सेमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा अवनिगाडा (कृष्णा) और कोंकणमितला (प्रकाशम) में से 7 सेमी वर्षा हुई है।
प्रकाशम जिले में रविवार को दूसरे दिन भी बारिश हुई है। प्रकाशम जिले के एक हिस्से में लगातार हो रही बारिश से मिर्च की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों का कहना है कि अगर दो-चार दिन और बारिश होती रही तो उनकी पूरी फसल बर्बाद हो जाएगी। वहीं नेल्लोर जिले के कई इलाकों में लगातार तीसरे दिन भी बारिश जारी है। जिले के 118 गांवों में बारिश से सैकड़ों एकड़ में लगी फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, लगातार बारिश से धान, कपास, मूंगफली, अरहर और उड़द की फसल को नुकसान पहुंचा है। अनुमान लगाया गया है कि बारिश की वजह से 17,127 एकड़ में धान की फसल बर्बाद हो गई। 200 एकड़ में लाल चने की फसल को नुकसान हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि 1,467 एकड़ में फैली कपास की फसल और 360 एकड़ में काले चने की फसल को नुकसान हुआ है।
बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से गुंटूर जिले के किसानों को भी बड़े पैमाने पर फसल का नुकसान हुआ है। जिले के कुछ हिस्सों में धान की फसल में पानी भर गया है। किसान, जो कुछ दिनों में फसल काटने की उम्मीद कर रहे थे वह अब नुकसान में हैं। उत्तर तटीय आंध्र के श्रीकाकुलम जिले में पिछले दो दिनों में हुई बारिश से खेतों में तैयार धान फसल को भी नुकसान पहुंचा है। किसानों का आरोप है कि धान की खरीद में सरकार की ओर से देरी से हमें नुकसान हुआ है।
आईएमडी के अनुसार, तूफान मध्य-क्षोभमंडल स्तरों तक फैला हुआ है। इसके उत्तर केरल, कर्नाटक तट से दक्षिणपूर्व और निकटवर्ती पूर्वी मध्य अरब सागर में उभरने की बहुत संभावना है। इसके प्रभाव में, एक कम दबाव का क्षेत्र 13 दिसंबर के आसपास उसी क्षेत्र में बनने और उसके बाद भारतीय तट से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। आईएमडी ने रविवार को तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश के साथ अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है।
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