लखनऊ। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने देश के सभी राज्यों को मदरसे में पढ़ने वाले गैर मुस्लिम बच्चों का सर्वे कराने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि सर्वे के जरिए ऐसे बच्चों को औपचारिक शिक्षा दिलाने के लिए स्कूलों में दाखिला कराने के निर्देश संबंधी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तरफ से एक पत्र भेजा गया है।
हालांकि इन सबके बीच उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की तरफ से इस तरह के किसी भी पत्र के बारे में जानकारी होने से साफ इनकार किया है। मदरसा बोर्ड की तरफ से कहा गया है कि आयोग का पत्र उनके लिए बाध्यकारी नहीं है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ इफ्तेखार अहमद जावेद ने कहा है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है,मीडिया के जरिए उन्हें भी जानकारी मिली है।
उन्होंने साफ किया है कि सरकार उत्तर प्रदेश के अंदर मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए लगातार काम कर रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों के एक हाथ में कुरान तो दूसरे हाथ में कंप्यूटर देने की बात कह रहे हैं, लेकिन इस तरह का सर्वे मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए उचित नहीं है।
इससे बच्चों में भेदभाव की भावना बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि मदरसों में केवल धार्मिक शिक्षा ही बच्चों को नहीं दी जाती है, बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा भी प्रदान की जा रही है। जैसा कि मिशनरी स्कूलों में हर धर्म के बच्चों को पढ़ाया जाता है।