दिल्ली: आज हम चर्चा भारत सरकार के बजट पर करेंगे। 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। अब हम आपको बताते हैं कि डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स क्या होता है।
डायरेक्ट टैक्स: डायरेक्ट टैक्स एक ऐसा टैक्स है जो आप अपनी इनकम या कमाई पर देते हैं। उदाहरण के लिए आप जो सैलरी कमाते हैं, उस पर आप इनकम टैक्स देते हैं। अगर आपके पास एक घर है जिसे आपने किराए पर दिया हुआ है, तो किराये से कमाई पर टैक्स लगाया जाता है।
अगर आप घर बेचते हैं तो उससे होने वाली कमाई पर भी टैक्स लगेगा। सीधे तौर पर इसे ऐसे समझिए कि यह आपकी कमाई का वह हिस्सा है जो टैक्स के रूप में आपसे सीधे सरकार को जाता है। डायरेक्ट टैक्स को इस तरह से स्ट्रक्चर किया जाता है कि जितना ज्यादा आप कमाते हैं, उतना ज्यादा टैक्स आप चुकाते हैं।
इनडायरेक्ट टैक्स?
पहले, हमारे पास कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स थे, जिन्हें अब GST या गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स में मिला दिया गया है। जब भी आप कुछ खरीदते हैं या किसी सर्विस के लिए भुगतान करते हैं, चाहे वह जूते या कपड़े हों या फिल्म देखना हो या किसी रेस्टोरेंट में डिनर करना या होटल में ठहरना हो आदि।
आप जीएसटी या इनडायरेक्ट टैक्स का छोटा सा हिस्सा चुकाते हैं। यह इनडायरेक्ट क्यों है? क्योंकि यह आप से सेलर के पास जाता है और फिर गवर्नमेंट के पास। तो इस इनडायरेक्ट टैक्स के मामले में रकम सीधे आप से सरकार तक नहीं जाती है, बल्कि आप से पहले सेलर के पास और फिर सरकार तक जाती है।
यहां टैक्स कीमत में जुड़कर आपसे पास पहुंचता है। इसे आप अपने द्वारा किए गए खर्च के लिए भरते हैं।