झारखंड विधानसभा बजट सत्र का आगाज हो चुका है. इसी बीच कई विधायक बिना मास्क के विधानसभा पहुंच गए. कोरोना को ध्यान में रखते हुए विधानसभा सत्र से पहले कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया. विधायक ही इस महामारी को हल्के में ही ले रहे हैं. विधानसभा सत्र के दौरान कई विधायक बिना मास्क के ही विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंचे. हालांकि जब उनसे इसको लेकर सवाल किया गया तो इस पर उन्होंने अपने-अपने तर्क दिए. कोरोना के बढ़ते केसे के बाद भी कई माननीय मास्क को लेकर लापरवाह नजर आ रहे हैं. पूर्व मंत्री व बीजेपी विधयक अमर कुमार बाउरी बिना मास्क पहने नजर आए. इस पर जब उनसे सवाल किया गया तो बाउरी ने कहा कि उन्होंने कोरोना टेस्ट करवाया है और वह नेगेटिव हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में जीरो कोरोना के केस हैं. हालांकि, मैंने मास्क नहीं पहना है, ये गलत है. इस तरह की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.
कांग्रेस विधायक अम्बा प्रसाद भी बिना मास्क लगाए नजर आईं. उन्होंने माना कि SOP का पालन ज़रूरी है. उन्होंने दलील दी कि कैमरे पर आने से पहले मास्क लगाया था. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी ने तो मास्क को लेकर अजीब तर्क दिया. उन्होंने कहा, "मास्क में दम घुटता है और ज्यादा दिन मास्क लगाया तो इसका असर फेफड़ों पर पड़ सकता है." जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने मास्क न लगाने पर कहा कि उन्हें कुछ दिन पहले ही कोरोना हुआ था, इसलिए अब अगले तीन माह तक उन्हें कोरोना नहीं हो सकता. झरिया की विधायक पूर्णिमा सिंह भी बिना मास्क के विधानसभा पहुंची. बीजेपी के विधायक भानुप्रताप शाही का मास्क न पहनने पर कहना था कि बात करते वक्त पत्रकार ही शिकायत करते हैं कि आवाज साफ नहीं आती. जब मास्क हटा देता हूं तो कहते हैं कि मास्क क्यों नहीं पहना. वहीं कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव का कहना है कि वो स्वस्थ हैं और उनसे इंफेक्शन फैल ही नहीं सकता.
गौरतलब है कि कोरोना के मामले वापस बढ़ने लगे हैं. ऐसे में लापरवाही महंगी पड़ सकती है. राज्य में मंत्री हाजी हुसैन की मौत कोरोना के चलते ही हुई थी. शिबू सोरेन, रूपी सोरेन भी संक्रमित हो चुके हैं. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का तो लंग्स ट्रांसप्लांट हुआ है और अभी वो चेन्नई से रांची नहीं लौटे हैं. पंजाब, केरल,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीगढ़ में 86% कोरोना के मामले दर्ज किए हैं. ओडिशा ने बगैर टेस्ट के झारखंड से आने वालों पर रोक लगा दी है.