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'श्रीराम' की शरण में आये वामपंथी पार्टियां, CPI ने कराई रामायण पर ऑनलाइन प्रवचन

Kunti Dhruw
31 July 2021 4:35 PM GMT
श्रीराम की शरण में आये वामपंथी पार्टियां, CPI ने कराई रामायण पर ऑनलाइन प्रवचन
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केरल में वामपंथी पार्टी की मलप्पुरम जिला समिति ने रामायण महाकाव्य पर ऑनलाइन प्रवचनों और टॉक शो की सात दिन की एक श्रृंखला आयोजित की है।

केरल में वामपंथी पार्टी की मलप्पुरम जिला समिति ने रामायण महाकाव्य पर ऑनलाइन प्रवचनों और टॉक शो की सात दिन की एक श्रृंखला आयोजित की है। बताया जा रहा है कि इसका आयोजन 25 जुलाई से शुरू हुआ था और आज इसका समापन हो गया। माकपा समर्थकों के बच्चों के बालासंगम के बैनर तले श्रीकृष्ण जयंती मनाना शुरू करने के तीन साल बाद राज्य में ऐसा कार्यक्रम हुआ है।

'रामायण एंड इंडियन हेरिटेज' सीरीज
जानकारी के मुताबिक इस ऑनलाइन सीरीज को 'रामायण एंड इंडियन हेरिटेज' नाम दिया गया था। जिसका प्रसारण जिला समिति के फेसबुक पेज पर किया गया। वक्ता के तौर पर इसमें राज्य स्तरीय भाकपा नेता हैं। मलप्पुरम सीपीआई जिला सचिव पी के कृष्णदास ने मीडिया से कहा "वर्तमान में, सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतें हिंदू धर्म से जुड़ी हर चीज पर अपना विशेष दावा कर रही हैं। रामायण जैसे महाकाव्य देश की साझा परंपरा और संस्कृति का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि रामायण पर एक टॉक सीरीज आयोजित करके पार्टी यह देखना चाहती थी कि प्रगतिशील समय में महाकाव्य को कैसे पढ़ा और समझा जाना चाहिए। पी कृष्णदास ने कहा कि जिन विषयों पर चर्चा की गई है, वे विविध हैं, जैसे भाकपा नेता मुलक्कारा रत्नाकरन की लिखी किताब "रामायण के युग के लोग और अन्य देशों के साथ राजनीतिक संबंध", एम केशवन नायर की किताब 'रामायण में समकालीन राजनीति' पर चर्च की गई। उन्होंने बताया कि 'रामायण में समकालीन राजनीति" पर अपने किताब में नायर ने कहा है कि रामायण में निहित राजनीति संघ परिवार की प्रचलित राजनीति से बहुत अलग थी।
वहीं इस बारे में कवि लीलाकृष्णन का कहना है कि यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कम्युनिस्टों की है कि रामायण को सांप्रदायिक ताकतों के हाथों का एक उपकरण न बनाए। उन्होंने कहा हम महाकाव्य के विविध संस्करणों को उजागर करके रामायण की फासीवादी व्याख्याओं का विरोध कर सकते हैं।
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