नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट महिलाओं को पीरियड्स के दौरान छुट्टी देने वाली याचिका पर को तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर 24 फरवरी को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह राज्यों सरकारों को महिलाओं को परियड्स के दौरान छुट्टी देने के लिए नियम बनाने का निर्देश जारी करे। इस जनहित याचिका में मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 की धारा 14 को प्रभावी तौर पर लागू करने के निर्देश सरकार को देने की गुहार लगाई गई है।
इस जनहित याचिका में कुछ कंपनियों को भी जिक्र किया गया है, जहां महिलाओं को पीरियड के दौरान पेड लीव मुहैया करवाई जाती है। बता दें कि मौजूदा दौरा में बिहार ही एकमात्र ऐसा राज्य है जो 1992 की नीति के तहत विशेष मासिक धर्म दर्द अवकाश प्रदान करता है। ऐसे में देश के अन्य राज्यों में महिलाओं को मासिक धर्म के दर्द या मासिक धर्म की छुट्टी से इनकार करना संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता और गरिमापूर्ण जीवन जीने के उनके मौलिक संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है।
याचिका में कहा गया है कि महिलाए अपने पीरियड्स के दौरान शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित होती हैं और भारत के विभिन्न राज्यों में उनके साथ अलग तरह से व्यवहार किया जाता है। याचिका में कुछ देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि UK, चीन, जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्पेन और जाम्बिया पहले से ही किसी न किसी रूप में मासिक धर्म दर्द अवकाश दे रहे हैं। ऐसे में भारत भी सभी कंपनियों और संस्थानों को इसका अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया जाए।