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पटियाला हिंसा के मामले में नेता गिरफ्तार, कौन है 'खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च' का आयोजक, जानें इसके बारे में सबकुछ

jantaserishta.com
1 May 2022 2:49 PM GMT
पटियाला हिंसा के मामले में नेता गिरफ्तार, कौन है खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च का आयोजक, जानें इसके बारे में सबकुछ
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पटियाला हिंसा के मामले में शिवसेना के नेता हरीश सिंगला को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है. सिंगला अपने पाकिस्तान और खालिस्तान विरोधी प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है. उसके स्थानीय पुलिस और राजनेताओं के साथ अच्छे संबंध थे इसी के चलते उसे एक्स-श्रेणी की सुरक्षा भी दी गई थी. सिंगला की पहचान एक शिवसैनिक और काली माता के भक्त के अलावा एक गोरक्षक, दशहरा उत्सव के आयोजक की भी है.

हरीश सिंगला शुरू में काली माता मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य था. वह नौ साल पहले शिवसेना (बाल ठाकरे) में शामिल हुए और उसे पंजाब इकाई का उपाध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा सिंगला एक गोरक्षक समूह भी चला रहा है और कुछ गोशालाएं खोली थीं.
सिंगला अक्सर प्रेस को भी संबोधित करता रहता है. स्थानीय पुलिस और राजनेताओं से भी उसके अच्छे संबंध हैं. सिंगला कई विवादित मामलों में मध्यस्थ भी बन जाता था और मामलों को सुलझाने के लिए थाने में पहुंच जाता था. सूत्रों का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा बढ़ाना चाहता था. इसलिए उसने कट्टर खालिस्तानी गुटों को भड़काकर मुसीबतों को न्योता दिया.
सिंगला को मिली X-श्रेणी की सुरक्षा
सिंगला वर्तमान में एक्स-श्रेणी का सुरक्षा कवर मिला हुआ है, जो पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा दिया गया था. उसे 10 सुरक्षा गार्डों के अलावा एक एस्कॉर्ट वाहन भी दिया गया है. शिवसेना नेता होने के बावजूद सिंगला ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान पटियाला शहरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार किया था. जाहिर तौर पर उसे कांग्रेस पार्टी द्वारा सुरक्षा कवच दिया गया था. सिंगला अतीत में खालिस्तानियों से सहानुभूति रखने वालों और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करता रहा है और खालिस्तानियों के निशाने पर भी रहा है. सिंगला ने पटियाला में एक दशहरा उत्सव भी आयोजित किया जिसमें विभिन्न दलों के राजनेताओं ने भाग लिया था. हरीश सिंगला का अपना रियल एस्टेट कारोबार है, जिसके कार्यालय पटियाला और मोहाली में हैं.
पहले ही बनाई थी खालिस्तान विरोध मार्च
सिंगला और उसके समर्थकों ने खालिस्तान मुर्दाबाद विरोध मार्च की बहुत पहले से योजना बनाई थी. 29 अप्रैल को सरकारी प्रतिष्ठानों पर खालिस्तानी झंडे फहराने की धमकी देने वाले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) द्वारा किए गए आह्वान का विरोध करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसे आमतौर पर खालिस्तानी अपने स्थापना दिवस के रूप में मनाते हैं.
पुलिस ने रोक दी थी अनुमति
सिंगला ने शुक्रवार को अपनी गिरफ्तारी से पहले अधिकारियों से सवाल किया था. जब खालिस्तानी समर्थक खालिस्तानी समर्थक नारे लगा सकते हैं तो वह प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ खालिस्तान मुर्दाबाद विरोध का आयोजन क्यों नहीं कर सकता. सिंगला ने धरना प्रदर्शन की अनुमति के लिए आवेदन किया था. पटियाला की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने पुष्टि की है कि प्रशासन को हरीश सिंगला से विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध मिला था. उन्होंने कहा कि इसकी अनुमति रोक दी गई थी. इसे न तो अस्वीकार किया गया और न ही मंजूरी दी गई.
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