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वकील पति को बालकनी से फेंका, महिला ने 10 पुलिसकर्मियों पर लगाया गंभीर आरोप

Nilmani Pal
4 March 2024 1:08 AM GMT
वकील पति को बालकनी से फेंका, महिला ने 10 पुलिसकर्मियों पर लगाया गंभीर आरोप
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हत्या का केस दर्ज

यूपी। आगरा के मंगलम आधार अपार्टमेंट में अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के मामले में पुलिस कठघरे में है। उनकी पत्नी सुनीता शर्मा ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। डीसीपी सूरज राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसओ न्यू आगरा राजीव सिंह और दयालबाग चौकी इंचार्ज अनुराग सिंह को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। अधिवक्ता की पत्नी ने आरोप लगाया है कि दबिश के दौरान पुलिस ने उनके पति को फ्लैट नंबर 802 की बालकनी से नीचे फेंका था। पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में सीसीटीवी फुटेजों की गहनता से जांच हो रही है।

आरोप लगाया कि दबिश के दौरान पुलिस ने उनके पति को फ्लैट नंबर 802 की बालकनी से नीचे फेंका था। मुकदमे में एसओ न्यू आगरा सहित दो पुलिसकर्मी नामजद हैं। 10 अज्ञात पुलिसकर्मियों का जिक्र है। इससे पहले उन्होंने कमिश्नर को संबोधित तहरीर लिखी थी। वहीं परिजनों ने चेतावनी दी थी कि पोस्टमार्टम तभी होगा जब मुकदमा दर्ज करके आरोपित पुलिसवाले गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। सुनीता शर्मा ने आरोप लगाया है कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत मनोज दीक्षित उर्फ मनोज शर्मा ने उनके पति के खिलाफ न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज कराया। पति इस संबंध में अधिकारियों से मिले। अपनी बेगुनाही के साक्ष्य दिए। अधिकारी संतुष्ट थे। आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर बुलाया जाएगा। शुक्रवार की रात पौने ग्यारह बजे पुलिस वाले आए। उनके फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दरवाजा खोला। पुलिसवालों ने उनसे कहा कि पति को न्यू आगरा थाने भेज देना। पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। दरवाजा बंद कर दिया था। उसके करीब 10 मिनट बाद पुलिसवालों ने जबरन उनके घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया।

युवा अधिवक्ता संघ के संरक्षक अधिवक्ता सुनील शर्मा के बड़े भाई शक्तिधर डोभाल सीआरपीएफ के रिटायर्ड डीआईजी हैं। एक भाई कर्नल रिटायर्ड अनिल शर्मा हैं। छोटे भाई आशीष डोभाल कर्नल हैं। श्रीनगर में तैनात हैं। घटना की जानकारी भाइयों को रात में ही हो गई थी। उन्होंने एक ही बात बोली, उनके आने के बाद सामने ही पोस्टमार्टम होगा। शनिवार शाम शक्तिधर और अनिल आगरा आ गए। छोटे भाई का इंतजार होता रहा।

अधिवक्ता सुनील शर्मा मूलत उत्तराखंड के निवासी थे। चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। तीन बहने हैं। घटना की जानकारी ने पूरे परिवार को हिला दिया। परिजन सूचना मिलते ही आगरा के लिए चल दिए। हर किसी की जेहन में एक ही सवाल था। आखिर आठवीं मंजिल से गिर कैसे गए। पुलिस ने रात में दबिश क्यों दी थी। आखिर इतना बड़ा कौन सा अपराध हो गया था। सुनील अधिवक्ता थे। शहर में ही मौजूद थे। प्रतिदिन दीवानी जा रहे थे। पुलिस उन्हें पकड़ने दिन में क्यों नहीं आई। मोबाइल भी चालू था। फोन करके क्यों नहीं बुलाया। सुनीता शर्मा का आरोप है कि पुलिसवालों ने अंदर आकर पति को दबोच लिया। जान से मारने की नीयत से घसीटकर बराबर वाले फ्लैट 802 में बंधक बना लिया। पांच सात मिनट बाद उनके पति के चीखने की आवाज आई। वह शोर मचाती हुई बाहर निकलीं। आठ-दस पुलिसवाले जिसमें राजीव सिंह, अनुराग सिंह आदि थे जो बराबर वाले फ्लैट के कमरे में थे। सभी ने मिलकर उनके पति को बालकनी से फेंक दिया। पुलिसवाले घर में रखे आवश्यक अभिलेख भी साथ ले गए। पुलिस ने अपने बचाव में अपराध के अपने साक्ष्यों को नष्ट कर दिया।

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