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CBSE 12वीं बोर्ड एग्जाम पर लेटेस्ट अपडेट, कल आ सकता है फैसला?

Admin2
31 May 2021 9:27 AM GMT
CBSE 12वीं बोर्ड एग्जाम पर लेटेस्ट अपडेट, कल आ सकता है फैसला?
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सीबीएसई बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर अभी भी स्टूडेंट संशय में हैं. 31 मई को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में और समय मांगा है. अधिवक्ता ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए बोर्ड परीक्षा कैंसिल करने की मांग की गई थी. जानिए लेटेस्ट अपडेट...14 अप्रैल को शिक्षा मंत्रालय ने देश में कोविड -19 संक्रमणों में वृद्धि पर बढ़ती चिंताओं के बीच सीबीएसई कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित करने और कक्षा 10 की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की थी. इसके बाद कक्षा 12 की परीक्षाओं के लिए श‍िक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया कि 1 जून को स्थिति की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए राज्य सरकारों से सुझाव मांगे गए थे. कक्षा 10 के लिए सीबीएसई ने अंतिम परीक्षा के बिना छात्रों के मूल्यांकन के लिए एक वैकल्पिक रणनीति अपनाई है. वैकल्पिक सीबीएसई मूल्यांकन रणनीति के अनुसार जबकि प्रत्येक विषय के लिए 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए होंगे, 80 अंकों की गणना पूरे वर्ष विभिन्न परीक्षाओं में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी. इसके अलावा आवधिक परीक्षण या इकाई परीक्षण में 10 अंकों का भार होगा, अर्ध-वार्षिक परीक्षा में 30 अंक होंगे और प्री-बोर्ड परीक्षा में 40 अंक होंगे, जिसमें 80 अंक होंगे.

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने 23 मई को राज्य के शिक्षामंत्रियों और सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक का एजेंडा कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा और राज्यों में प्रवेश परीक्षाओं के संचालन पर चर्चा करना था. केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को 25 मई तक मंत्रालय को लिखित में अपने सुझाव देने के लिए कहा गया था. इस बीच, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए दो विकल्प प्रस्तावित किए थे. पहले विकल्प के तहत, सीबीएसई बोर्ड ने प्रस्तावित किया है कि प्रमुख विषयों की परीक्षाएं "मौजूदा प्रारूप" में नामित परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएंगी. छोटे विषयों के नंबरों की गणना प्रमुख विषयों में प्रदर्शन के आधार पर की जा सकती है. दूसरे प्रारूप के तहत, जिसमें केवल 45 दिन लगेंगे, सीबीएसई ने प्रस्ताव दिया है कि कक्षा 12 के छात्र प्रमुख विषय की परीक्षा निर्दिष्ट केंद्रों के बजाय उनके स्कूलों में ही होंगे.

शिक्षा मंत्रालय को अपनी प्रतिक्रिया में, 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) ने सीबीएसई के 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के प्रस्ताव का समर्थन किया है. इसमें केवल दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान और निकोबार स्पष्ट रूप से ऑफलाइन विरोध कर रहे हैं. परीक्षा के लिए 32 में से लगभग 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने परीक्षा के लिए हामी भरी है. वहीं कई राज्यों ने सीबीएसई के ऑप्शन-बी के लिए हामी भरी है. केवल राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना ने विकल्प ए या मौजूदा प्रारूप के लिए समर्थन दिया है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट (एससी) ने 28 मई को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई की थी. याचिका में कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की गई, इसे SC ने 31 मई के लिए स्थगित कर दिया था. बता दें क‍ि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI)ने COVID-19 महामारी के कारण कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग करते हुए शिक्षा मंत्रालय में विरोध प्रदर्शन किया था. वहीं दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों ने पहले वैक्सीनेशन की मांग की थी.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में 31 मई को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ को जानकारी देते हुए इस मामले की सुनवाई तीन जून तक के लिए टाल दी है. पीठ ने वेणुगोपाल से कहा कि कोई समस्या नहीं है, आप फैसला कीजिए. लेकिन अगर आप पिछले परीक्षा को लेकर पिछले साल की नीति से अलग निर्णय लेते हैं तो आपको इसका उचित कारण बताना होगा.

जस्टिस खानविलकर की बात पर सहमति जताते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हम इसका ध्यान रखेंगे. हम कोर्ट में गुरुवार को अपना जवाब दाखिल करेंगे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल किया क्यों बीते साल की तरह 12वीं की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय इस साल नहीं लिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आप इस निर्णय से पीछे हटते हैं तो हमें पूरा विवरण कारण सहित बताएं. FICCI ने केंद्र से परीक्षा रद्द करने की मांग की है. कोर्ट में दर्ज की गई याचिका में CBSEतथा ICSE बोर्ड परीक्षाओं को कोरोना के खतरे को देखते हुए रद्द करने की मांग की गई है. कोरोना महामारी स्थिति के कारण, बोर्ड ने इस वर्ष की कक्षा 12 की परीक्षा स्थगित कर दी थी. बोर्ड ने केन्द्र सरकार को परीक्षाएं आयोजित करने के 2 उपाय भी सुझाए हैं जिस पर विचार के बाद केन्‍द्रीय शिक्षामंत्री कोई निर्णय 01 जून को सुना सकते हैं.

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