रांची। चारा घोटाला मामले (Chara Ghotala) में आज लालू यादव (Lalu Yadav) को सजा सुनाई जाएगी। डोरंडा कोषागार (Doranda Treasury) से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी हुई थी। घोटाले (Fodder Scam) के सबसे बड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद समेत 41 दोषियों की किस्मत का फैसला होगा। रांची सीबीआई कोर्ट (Ranchi CBI Court) के विशेष जज एसके शशि की अदालत से दोपहर 12 बजे से सभी दोषियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) से बारी-बारी सजा का एलान होगा। दोषियों को जेल से ही वर्चुअल कोर्ट में पेश किया जाएगा। स्वास्थ्य कारणों से लालू प्रसाद यादव रांची रिम्स के पेइंग वार्ड (Paying Ward of Ranchi RIMS) में एडमिट हैं। उनके लिए वहीं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए लैपटॉप का इंतजाम जेल प्रशासन ने किया है।
अरबों रुपए के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले के पांचवें केस में दोषी करार दिए गए आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत सजा सुनाएगी। लालू प्रसाद समेत 75 आरोपियों को डोरंडा कोषागार से करीब 139.35 करोड़ रुपए अवैध निकासी मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने दोषी करार दिया है। इनमें से 34 आरोपियों को 15 फरवरी को फैसले के दिन ही अधिकतम 3 साल की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि लालू प्रसाद समेत 41 आरोपियों के सजा के बिन्दु पर आज सुनवाई होगी।
पशुपालन घोटाले के डोरंडा केस में जिन लोगों को सजा सुनाई जाएगी, उनमें पूर्व विधायक आरके राणा और पशुपालन विभाग के पूर्व सचिव बेक जूलियस भी शामिल हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने 75 आरोपियों को दोषी करार दिया था। इनमें से 41 लोगों को जेल भेज दिया गया था। कोर्ट ने मंगलवार को ही दोषी करार दिए गए 34 अभियुक्तों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी। साथ में पचास हजार से दो लाख तक का जुर्माना भी लगाया गया था। तीन साल तक की सजा पाने वालों को अपील करने के लिए उसी दिन अदालत ने जमानत दे दी थी। जबकि, सात महिलाओं समेत 24 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। इस मामले में कुल 99 लोग केस का सामना कर रहे थे।
सीबीआई की विशेष अदालत ने सरकारी धन के दुरुपयोग, भ्रष्टाचार और साजिश रचने के आरोप में आईपीसी की धारा 120बी, 420, 409, 467, 468, 471, 477ए और पीसी एक्ट की धाराएं 13 (2),13 (1), (सी) के तहत इस घोटाले में साजिश रचने के आरोप में दोषी करार दिया है। इन धाराओं में न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। इससे इतना तो साफ है कि लालू यादव को तीन साल से ज्यादा की सजा होनेवाली है।
चूंकि कोर्ट की ये पूरी कार्रवाई वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए होने वाली है तो बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार से लेकर रांची रिम्स तक में इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। लालू यादव के लिए रिम्स के पेइंग वार्ड में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई है। दोपहर 12 बजे से पहले जेल प्रशासन की ओर से लैपटॉप को पेइंग वार्ड में पहुंचाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इस मामले में जेल में बंद दूसरे आरोपियों के लिए भी होटवार जेल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की गई है। एक बड़ी एलईडी स्क्रीन पर सभी दोषी अपना फैसला सुनेंगे। किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कत न हो, इसके लिए रविवार को अवकाश के बावजूद तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। प्रावधान के अनुसार अभियुक्तों की मौजूदगी में ही अदालत में फैसला सुनाया जाता है, चाहे वो वीसी से हो या सशरीर उपस्थिति के जरिए हो।