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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के हाथ में एक बार फिर आरजेडी की कमान आ गई है. उन्हें एक बार फिर से आरजेडी का अध्यक्ष चुन लिया गया है. 10 अक्टूबर को इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी. दरअसल, पांच जुलाई 1997 को स्थापना काल से अबतक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ही हैं. इस दौरान पार्टी ने कई उतार चढ़ाव देखे और बिहार में महागठबंधन की सरकार में पहली बार टूटना भी देखा. उसके बाद लालू यादव ने दोबारा महागठबंधन की सरकार बनते हुए भी देखा.
उदय नारायण चौधरी ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि आगामी 9 अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी. जिसमें 10 अक्टूबर को तालकटोरा स्टेडियम में नेशनल काउंसिल की बैठक और खुले अधिवेशन में इसकी औपचारिक घोषणा की जाएगी. इसी दिन को लालू यादव को निर्वाचन प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर मंगलवार को राष्ट्रीय परिषद सदस्यों की अंतिम सूची का प्रकाशन केंद्रीय कैंप कार्यालय पटना और सभी राज्यों के राज्य कार्यालय में कर दिया गया.
चुनाव के बाद इसकी जानकारी देते हुए पार्टी के सहायक राष्ट्रीय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने बताया कि लालू यादव की ओर से पांच सेटों में नामांकन पत्र दिया गया था. जिसकी जांच के बाद पत्र को वैद्य पाया गया. उसके बाद राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा लालू को पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार मानते हुए निर्विरोध चुने जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई.
इन लोगों ने प्रस्ताव पर लगाई मुहर
लालू के प्रस्तावकों में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, बिहार विधान परिषद के उप सभापति डॉ. रामचन्द्र पूर्वे, बिहार प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी, राज्यसभा सांसद डॉ. मीसा भारती, प्रेमचन्द गुप्ता, अशफाक करीम, बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, ललित यादव, समीर कुमार महासेठ, चन्द्रशेखर, सुधाकर सिंह सहित अन्य नेता शामिल रहे.
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