बिहार। लालू प्रसाद यादव (lalu prasad yadav) चारा घोटाले के डोरंडा केस में भी दोषी ठहराए गए हैं. यह मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा है. रांची स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. फिलहाल सजा का ऐलान होना बाकी है. अगर तीन साल से कम की सजा होती है तो यहीं से लालू को जमानत मिल जाएगी. इससे पहले लालू प्रसाद को चारा घोटाले से जुड़े चार मामले में करीब 27 साल की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनको एक करोड़ का जुर्माना भी भरना पड़ा था. फिलहाल लालू यादव जमानत पर बाहर हैं.
लालू प्रसाद यादव की तबीयत फिलहाल ठीक नहीं है. माना जा रहा है कि सीबीआई कोर्ट इस बात को ध्यान में रखकर कुछ राहत दे सकती है. हालांकि, पिछले मामलों को देखें तो लालू यादव को सीबीआई कोर्ट से राहत नहीं मिली थी. चारा घोटाले से जुड़े पिछले मामलों में लालू को पांच से सात साल तक की सजा हुई थी. फिर बाद में हाईकोर्ट से लालू को राहत मिली थी.
चारा घोटाले का यह मामला डोरंडा कोषागार से जुड़ा है. इसमें 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की बात सामने आई थी. चारा घोटाले के सबसे बड़े आरसी 47 ए/96 के ये मामले दरसल 1990 से 1995 के बीच के हैं. इसपर सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव इस मामले में मुख्य आरोपी हैं. पूर्व में चारा घोटाले के अलग-अलग मामले में फिलहाल लालू यादव को हाईकोर्ट से जमानत मिली हुई है. डोरंडा कोषागार से जुड़े घोटाले में शुरुआत में 170 आरोपी थे. इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है. फिर दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया. वहीं सुशील झा और पीके जायसवाल ने कोर्ट के फैसले से पहले ही खुद को दोषी मान लिया था. वहीं मामले में छह नामजद आरोपी फरार हैं.
मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ केएम प्रसाद सहित 99 आरोपी हैं.