एमपी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ ग्वालियर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला करीब 26 साल से लंबित हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। दरअसल,साल 1995 में आर्म्स एक्ट के मामले में पुलिस जांच में लालू प्रसाद यादव का नाम सामने आया था। सुनवाई के दौरान साल 1998 में लालू को अदालत ने फरार घोषित किया था।
यह फर्जीवाड़ा 23 अगस्त, 1995 से लेकर 15 मई 1997 के बीच किया गया था। यूपी की फर्म के संचालक राजकुमार शर्मा पर आरोप है कि उसने ग्वालियर की हथियारों की तीन कंपनियों से फर्जीवाड़ा कर 1995 से 1997 के बीच हथियार और कारतूस खरीदे थे। शर्मा ने हथियार और कारतूस बिहार में बेच दिए थे।
इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित 23 आरोपित नामजद हैं। इसमें से छह के खिलाफ ट्रायल चल रहा है, जबकि दो की मौत हो चुकी है। इस केस में 14 आरोपित फरार चल रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में जुलाई 1998 में आरोप पत्र दाखिल किया था। ग्वालियर की अदालत ने लालू प्रसाद यादव को इस मामले में 1998 में फरार घोषित किया था। पुलिस का दावा है कि आरोपित लालू प्रसाद यादव कोई और नहीं, बल्कि राजद नेता ही हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने तलब किया है।
#WATCH मध्य प्रदेश: ग्वालियर MP-MLA कोर्ट ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 5, 2024
ADPO अभिषेक मल्होत्रा ने बताया, "न्यायिक मजिस्ट्रेट MP-MLA ग्वालियर द्वारा लालू प्रसाद यादव के खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट के आदेश जारी किए गए हैं। मामला साल 1995-97 का है… pic.twitter.com/rZu7hdtYno