भारत

लाखों कर्मचारियों को अब LTC पैकेज पर नहीं होगा आर्थिक नुकसान, केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Deepa Sahu
8 May 2021 2:37 PM GMT
लाखों कर्मचारियों को अब LTC पैकेज पर नहीं होगा आर्थिक नुकसान, केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला
x
कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने अपने लाखों कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए

कोरोनाकाल में केंद्र सरकार ने अपने लाखों कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत केंद्र सरकार के किसी भी कर्मी को आर्थिक नुकसान नहीं होगा। केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों में अनेक कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्होंने तय समय पर एलटीसी स्कीम के अंतर्गत मिले 'स्पेशल कैश पैकेज' के बिल जमा नहीं कराए थे। इसके चलते उनका भुगतान रोक दिया गया था। नतीजा, कर्मचारियों को लगभग एक लाख रुपये या उससे ज्यादा का नुकसान हो रहा था।

अब केंद्र सरकार ने यह घोषणा कर दी है कि जिन कर्मियों ने 30 अप्रैल तक स्पेशल कैश पैकेज के तहत की गई खरीददारी के बिल जमा नहीं कराए हैं, वे 31 मई तक अपने विभाग में सभी बिल जमा करा सकते हैं।
पिछले साल अक्तूबर में दिया था पैकेज
बता दें कि केंद्र सरकार ने 12 अक्तूबर 2020 को अपने कर्मियों को ब्लॉक 2018-21 के तहत एलटीसी फेयर के स्थान पर स्पेशल कैश पैकेज देने की घोषणा की थी। स्पेशल कैश पैकेज स्कीम पहली बार लागू की गई थी। इसके चलते अनेक कर्मियों को तय प्रावधानों की जानकारी नहीं मिल सकी।
सरकार ने कर्मियों को एलटीसी के बदले उतने पैसे की खरीददारी करने का विकल्प प्रदान किया था। शॉपिंग के लिए अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 निर्धारित की गई थी। अनेक कर्मचारियों ने रात 12 बजे तक अपने मोबाइल फोन के जरिए ऑन लाइन शॉपिंग की। जिस तरह से एलटीसी का बिल संबंधित विभाग में जमा होता है, वैसे ही कर्मियों को खरीददारी का बिल जमा कराना पड़ता है। इसके बाद वह पैसा यानी क्लेम, कर्मचारी के खाते में जमा होता है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने कर्मियों से कहा था कि स्पेशल कैश पैकेज योजना में उन्हीं कर्मियों का क्लेम स्वीकार होगा, जिन्होंने 31 मार्च 2021 या इससे पहले शॉपिंग की है। यदि किसी कर्मी ने इस तिथि के बाद कुछ खरीदा है तो उसे स्पेशल कैश पैकेज का फायदा नहीं मिलेगा। इस बात को लेकर केंद्र सरकार के कई मंत्रालय और विभागों में नाराजगी दिखी। अनेक कर्मी ऐसे थे, जो इन आदेशों की व्याख्या ठीक तरह से नहीं कर सके। पहली बात, वे तय समय सीमा में खरीददारी नहीं कर सके।
दूसरा, अगर किसी ने खरीददारी कर ली है तो वह निर्धारित समय पर बिल जमा नहीं करा पाया। कुछ ऐसे कर्मी भी रहे हैं, जिनके पास बिल ही नहीं थे। उन्होंने खरीददारी के एक हिस्से की पेमेंट डिजिटल माध्यम से कर दी और बाकी का पैसा नकद दे दिया। ऐसी स्थिति में उन्हें यह नहीं मालूम था कि अब बिल कैसे जमा होगा।
पैकेज के दावे की प्रक्रिया को लेकर कर्मचारी हो रहे थे भ्रमित
दर्जनों विभागों ने इसके लिए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग से सवाल-जवाब करने शुरु कर दिए। इसके बावजूद उन्हें सही जानकारी नहीं मिली। अनेक कर्मी इसी भ्रम में रह गए कि स्पेशल कैश पैकेज के तहत कभी भी शॉपिंग की जा सकती है। बाद में कभी भी उसके बिल जमा कर क्लेम लिया जा सकता है। शॉपिंग कहां से करनी है, यानी वह मैनुअल होगी या ऑन लाइन रहेगी, कर्मियों को यह बात भी मालूम नहीं थी। क्रेडिट कार्ड से जो पेमेंट हुई है, उसका क्लेम कैसे होगा, ये भी चिंता का कारण बन गया।
व्यय विभाग ने किया समाधान
व्यय विभाग ने इन सभी समस्याओं का समाधान कर दिया हैं। सभी कर्मियों को शॉपिंग का बिल 31 मई 2021 से पहले जमा कराना होगा। यह भी कहा गया कि शॉपिंग बिल अगर 31 मार्च के बाद का है तो उसका क्लेम नहीं मिलेगा। पहले बिल सेटलमेंट की तिथि 30 अप्रैल तय की गई थी। जिन कर्मियों ने 31 मार्च को रात 12 बजे तक शॉपिंग की है, वे 30 अप्रैल तक अपने बिल जमा करा सकते हैं।
इसके बाद भी अनेक कर्मी ऐसे रहे गए, जो समय पर बिल जमा नहीं करा सके। नतीजा, उनका एलटीसी का पैसा रोक लिया गया। कर्मियों की इन्हीं दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए व्यय विभाग ने अब कहा है कि ऐसे कर्मी 31 मई तक बिल जमा करा सकते हैं। उन्हें ऑनलाइन ख़रीद का बिल या कोई दूसरा सबूत जमा कराना होगा। ऐसा कोई बिल स्वीकार नहीं किया जाएगा, जिस पर शॉपिंग की तिथि 31 मार्च के बाद की है। यानी पेमेंट की डेट 31 मार्च या उससे पहले की होनी चाहिए।
Next Story