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लखीमपुर कांड: जज ने आशीष मिश्रा समेत 5 की जमानत अर्जी खारिज की

jantaserishta.com
20 Dec 2021 7:22 AM GMT
लखीमपुर कांड: जज ने आशीष मिश्रा समेत 5 की जमानत अर्जी खारिज की
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लखीमपुर खीरी. यूपी के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) जिले में 3 अक्टूबर को हुए तिकुनिया हिंसाकांड (Tikunia Violence) मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत सत्र न्यायालय द्वारा ख़ारिज कर दी गई. जमानत के लिए दाखिल की गई अर्जी के कागजों में त्रुटि के चलते कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को अस्वीकार कर दिया. अब आशीष मिश्रा को फिर से जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करनी होगी. साथ ही कोर्ट ने तिकुनिया हिंसा में शामिल पांच अन्य आरोपी अंकित दास, शिवनंदन, लतीफ, शेखर और सत्यम की जमानत अर्जी को भी खारिज कर दिया है.

गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को हुई इस घटना में चार किसानों व एक स्थानीय पत्रकार समेत आठ लोगों की हत्या हुई थी. आशीष मिश्रा व उसके साथियों पर आरोप है कि वह फायरिंग करते हुए किसानों को अपनी गाड़ी से रौंदते हुए निकल गया. इसमें चार की मौत और कई गंभीर घायल हो गये. इसके बाद 4 अक्टूबर को तिकुनिया थाने में आशीष मिश्रा समेत कई अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. हालांकि बाद में एसआईटी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि यह एक हादसा नहीं बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्याकांड है.
इस मामले में पुलिस की उस वक्त किरकिरी हो गई जब एसआईटी ने पूरे प्रकरण को हत्या की साजिश बताया और गंभीर धाराएं जोड़ दी. पुलिस ने आशीष मिश्रा पर धारा 307 की जगह 279, 326 की जगह 338 और धारा 341 की जगह 304 A लगाया था. SIT ने कहा कि IPC की धारा 279, 338 और 304 A की जगह 307, 326, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लगायी जाए. IPC की धारा 307 जान से मारने का प्रयास, 326 – खतरनाक आयुधों (डेंजरस वेपन) या साधनों से गंभीर आघात पहुंचाना, 34 – कई व्यक्तियों के साथ मिलकर एक जैसा अपराध करना और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लाइसेंसी हथियार का गलत प्रयोग करना है.

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