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मजदूर का बेटा परीक्षा पास करके भी IIT में नहीं ले पाया दाखिला, सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
jantaserishta.com
30 Sep 2024 11:30 AM GMT
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24 जून की समयसीमा तक अनिवार्य फीस जमा करने में असफल.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में आईआईटी धनबाद को निर्देश दिया कि वे उस दलित स्टूडेंट को दाखिला दें, जिसे समय सीमा पर फीस जमा न कर पाने की वजह दाखिला नहीं मिल सका था. पैसे की तंगी की वजह से छात्र अपनी फीस जमा नहीं कर पाया था. बाद में वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले और दिहाड़ी मजदूर के बेटे 18 वर्षीय अतुल कुमार ने, अपनी आखिरी कोशिश में जेईई परीक्षा पास की थी. उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में सीट आवंटित की गई थी लेकिन 24 जून की समय सीमा तक फीस जमा न करा पाने की वजह से उसे अपनी सीट गंवानी पड़ी थी.
पैसे की तंगी के बावजूद, अतुल ने हार नहीं मानी और पहले झारखंड हाईकोर्ट और फिर मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. आखिरी में वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.
सोमवार को सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, "हम एक ऐसे यंग टैलेंट को नहीं गंवा सकते. वह झारखंड की कानूनी शरण में गया, फिर चेन्नई की कानूनी सेवाओं तक पहुंचा और आखिरी में हाईकोर्ट आया. एक दलित लड़के को हर दरवाजे पर धक्के दे दिए गए."
अतुल के वकील ने बताया कि उनके पिता 450 रुपये दिहाड़ी कमाते हैं. उन्होंने बताया, "17,500 रुपये का बंदोबस्त करना उनके लिए बहुत बड़ा काम था. पिता ने यह रकम गांव वालों से जुटाई." आईआईटी धनबाद के वकील ने दावा किया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने अतुल कुमार को एसएमएस भेजा और आईआईटी ने उन्हें दो व्हाट्सएप चैट के जरिए पेमेंट करने की जानकारी दी थी. वकील ने कहा, “वह हर दिन लॉगिन करता था.”
इस पर जस्टिस पारदीवाला ने आईआईटी धनबाद से कहा, “आप इतना विरोध क्यों कर रहे हैं? रास्ता निकालने की कोशिश क्यों नहीं करते? सीट अलॉटमेंट की पर्ची दिखाते है कि आप चाहते थे कि वह पेमेंट करे? और अगर उसने किया तो कुछ और की जरूरत नहीं था.”
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, “वह एक बेहतरीन स्टूडेंट है. सिर्फ 17,000 रुपये की कमी की वजह से उसे रोका गया.” सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर ध्यान दिया कि फीस जमा करने की समय सीमा 24 जून को शाम 5 बजे थी. अतुल के माता-पिता ने 4.45 बजे तक फीस की व्यवस्था कर ली थी, लेकिन जब उन्होंने पेमेंट किया तो पोर्टल पर समस्या आने लगी और पोर्टल 5 बजे बंद कर दिया गया.
#WATCH | Delhi: Petitioner, Atul Kumar says, "My life is now back on track...The CJI did great, he said that financial constraints should not pose a hurdle in one's progress. He said that I have a bright future and it should not be impacted." https://t.co/im9xJmBC5Q pic.twitter.com/foKmMvSYJQ
— ANI (@ANI) September 30, 2024
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