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दुनिया के एकमात्र संस्कृत दैनिक समाचार पत्र 'सुधर्मा' के संपादक के वी संपत कुमार का मैसूर में बुधवार दोपहर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
दुनिया के एकमात्र संस्कृत दैनिक समाचार पत्र 'सुधर्मा' के संपादक के वी संपत कुमार का मैसूर में बुधवार दोपहर में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उनके परिवार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. संपत कुमार 64 साल के थे.
साल 2020 में हुए थे पद्मश्री से सम्मानित
बताया जाता है कि 'सुधर्मा' विश्व का एकमात्र दैनिक संस्कृत समाचार पत्र है. संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में योगदान और कई चुनौतियों के बावजूद समाचार पत्र का प्रकाशन जारी रखने के लिए संपत कुमार और उनकी पत्नी के एस जयलक्ष्मी को 2020 में 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया था.
वरदराजा अय्यंगर ने की थी समाचार पत्र का शुरुआत
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार 'सुधर्मा' की शुरुआत कुमार के पिता वरदराजा अय्यंगर ने 15 जुलाई 1970 को की थी. संपत कुमार ने बाद में यह बीड़ा अपने कंधों पर उठाया और समाचार पत्र के रिपोर्टर, संपादक तथा प्रकाशक के रूप में कार्य किया.
प्रधानमंत्री ने जाहिर किया निधन पर शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'श्री के वी संपत कुमार जी एक प्रेरणादायी शख्सियत थे जिन्होंने संस्कृत के संरक्षण और खासकर युवाओं में उसे लोकप्रिय बनाने के लिए अथक प्रयास किया. उनका जुनून और समर्पण प्रेरणादायी है. उनके निधन की खबर से दुखी हूं. उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.'
संस्कृत व पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संपत कुमार के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, 'के वी संपत कुमार जी का जीवन संस्कृत भाषा के संरक्षण व संवर्धन के प्रति समर्पित रहा. संस्कृत भाषा को आम बोलचाल का हिस्सा बनाने में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनका निधन संस्कृत व पत्रकारिता जगत के लिए बड़ी क्षति है. प्रभु दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें.'
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी संपत कुमार के निधन पर शोक जताया है.
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