रिश्वत मामले में कुमार विश्वास की पत्नी को राहत, ACB से मिली क्लीन चिट
राजस्थान rajasthan news। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी acb ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा को ईओ भर्ती के नाम पर रकम वसूलने के मामले में क्लीन चिट दे दी है। आरपीएसी के पत्र पर एसीबी ने यह जवाब दिया है। एसीबी के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि सभी तथ्यों की जांच की गई है। आरपीएससी के किसी सदस्य की भूमिका नहीं मिली है। एसीबी ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के साथ मंजू शर्मा और संगीता आर्य की कोई मिलीभगत को कोई सबूत नहीं मिला है। इसके साथ ही एसीबी ने आरपीएससी सदस्यों को लेकर कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्णय लिया है।
Rajasthan Anti Corruption Bureau उल्लेखनीय है कि एसीबी ने सितंबर 2023 को गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। इसमे एसीबी ने माना कि केसावत और अन्य आरोपियों ने परिवादी को झांसा देकर रिश्वत ली थी। उसमें आरपीएससी सदस्य की कोई भूमिका नहीं मिली है। हालांकि, एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने एसीबी के महानिदेशक से ईओ- आरओ भर्ती में आरपीएससी सदस्य सहित अन्य लोक सेवक की भूमिका जांच करने को कहा था। सवाल उठाया था कि इस मामले में आऱपीएससी सदस्यों के नाम पर पैसा लिया गया। इसके बावजूद इस दिशा में अनुंसधान नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि एसीबी ने कांग्रेस नेता गोपाल केसावत व चार अन्य को जुलाई 2023 में 18 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने अभ्यर्थी की ओएमआर शीट बदलवाकर पास करवाने के नाम पर 18.50 लाख रुपये कि रिश्वत ली थी। इस एफआईआर में लिखा था कि केसावत ने रिश्वत मांगते समय आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा और संगीता आर्य का भी नाम लिया था। कोर्ट के आदेश पर एसीबी ने इस मामले में जांच की थी। लेकिन एसीबी को मंजू शर्मा और संगीता आर्य की कोई भूमिका नहीं मिली है।