उत्तर प्रदेश में फर्जी डिग्री के सहारे पिछले दस साल से नौकरी करने वाले अध्यापक पकड़ा गया है. सरकार इससे दस साल की सैलरी की रिकवरी करने की तैयारी कर रही है. प्राइमरी स्कूल के अध्यापक को नई मंडी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार अध्यापक की बीएड की डिग्री पर संदेह होने पर एबीएसए ने नई मंडी कोतवाली में 9 माह पूर्व रिपोर्ट दर्ज कराई थी. गिरफ्तार अध्यापक को बर्खास्त भी कर दिया गया है. सोमवार को पुलिस ने उसका चालान कर दिया है. छपार थाना क्षेत्र के गांव सिम्भालकी निवासी अध्यापक अनिल चौधरी नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव बझेडी में स्थित प्राइमरी स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत था. वह दस साल से शिक्षा विभाग में तैनात है.
तीन जुलाई 2020 को एबीएसए सदर योगेश शर्मा ने अध्यापक अनिल चौधरी की बीएड की डिग्री पर संदेह व्यक्त करते हुए नई मंडी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. फिलहाल इस मामले की विवेचना एसआई विजयपाल अत्री कर रहे थे. बता दें कि विवेचक ने बताया कि अध्यापक ने शिक्षा विभाग में वर्ष 2004-2005 के सत्र में आगरा यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी ज्वाइन की थी. रिपोर्ट दर्ज होने के पश्चात आगरा यूनिवर्सिटी से इस संबंध में सम्पर्क किया तो यूनिवर्सिटी ने लिखकर दिया कि अध्यापक ने यूनिवर्सिटी से बीएड नहीं किया है. इसके बाद फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी करने वाले आरोपी अध्यापक को गिरफ्तार कर लिया गया है. अध्यापक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420/467/468/471 के तहत चालान किया गया है. फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले अध्यापक को शासन ने बर्खास्त कर दिया है. शासन से दस साल की नौकरी के दौरान वेतन और अन्य सुविधाएं प्राप्त करने वाले आरोपी अध्यापक को शासन से 46 लाख की रिकवरी का नोटिस भेजा गया है. जल्द ही शासन रिकवरी को आरोपी अध्यापक से वसूल करेगा।