भारत

सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लागू करना मुश्किल

jantaserishta.com
5 Dec 2022 11:46 AM GMT
सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लागू करना मुश्किल
x

DEMO PIC 

कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में अधिकारियों को सिंगल-यूज प्लास्टिक (एसयूपी) पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास करते हुए एक कठिन कार्य का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, अधिकारियों द्वारा सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर कोलकाता और उपनगरों में भले ही व्यापारियों और ग्राहकों दोनों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन टनों के हिसाब से एसयूपी मार्केट में आ रहा है। बालीगंज के एक व्यापारी ने अभियान के दौरान कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के एक अधिकारी से कहा, आपने इसे एक धंधा (रैकेट) बना दिया है। आपने एसयूपी बनाने वाली फैक्ट्रियों को बंद क्यों नहीं किया? आप फैक्ट्रियों को बंद कराने के बजाए दुकानों पर छापेमारी करते हैं और सामान के लिए उपयोग करने पर ग्राहकों को परेशान करते हैं।
पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डब्ल्यूबीपीसीबी)के अनुसार, 191 प्लास्टिक कैरी बैग निमार्ताओं को एसपीयू बैग की स्पलाई न करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद भी बैग निमार्ताओं को प्लास्टिक के दानों की आपूर्ति की गई। ऐसा लगता है कि चेतावनियों पर कम ध्यान दिया गया है। शहर और उपनगरों में करीब-करीब सभी दुकानों में एसयूपी कैरी बैग का स्टॉक जारी है। व्यापारी अपने सामान को ग्राहकों के लिए अंदर ही पैक करते हैं।
अगर किसी चीज पर प्रतिबंध लगाना है तो उसे ईमानदारी से किया जाना चाहिए। मार्केट में उपलब्ध कई उत्पाद एसयूपी में पैक किए गए हैं। अधिकारी कुछ नहीं कह रहे हैं क्योंकि ये बड़ी कंपनियां हैं। साड़ियां, शर्ट, पतलून और अन्य वस्त्र एसयूपी में पैक होकर आ रहे हैं। जिन लोगों पर छापा मारा जा रहा है वे छोटे व्यापारी हैं। क्या किसी ने जांच की है कि हमें कागज के पैकेट के लिए कितना ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है? पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि एसयूपी कैरी बैग की आपूर्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लगने में अभी वक्त लगेगा।
अगर हम फैक्ट्रियों पर नकेल कसेंगे तो हजारों लोगों की नौकरियां चली जाएंगी। इसलिए हम ऐसा नहीं चाहते हैं। फिलहाल, हमारा उद्देश्य एसयूपी के इस्तेमाल के खिलाफ लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। एसयूपी को कूड़ा समझकर जलाने पर आम नागरिक को सांस लेने में तकलीफ होती है। अधिकारी ने कहा कि हमारा उद्देश्य मांग को कम करना है। ऐसा होते ही आपूर्ति अपने आप बंद हो जाएगी।
Next Story